ग्लोबल वार्मिग के लिए बांध भी उत्तरदायी

ग्लोबल वार्मिग के लिए बांध भी उत्तरदायी

ग्लोबल वार्मिग के लिए बांध भी उत्तरदायी
टोरंटो : एक नए शोध के अनुसार बांधों के जलस्तर में कमी या वृद्धि होने से ग्लोबल वार्मिग के लिए जिम्मेदार ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा वातावरण में बढ़ती है। कनाडा के वैंकूवर स्थित वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी (डब्ल्यूएसयू) के शोधार्थी ब्रिजेट डीमर ने क्लार्क काउंटी के लेसामास झील के पानी में घुली हुई गैसों की मात्रा का मापन किया और पाया कि जलस्तर में गिरावट आने पर मीथेन का उत्सर्जन 20 गुना बढ़ गया।

विश्वविद्यालय द्वारा बयान के अनुसार डीमर की साथी मारिया ग्लेविन ने झील के बुलबुलों के नमूनों का अध्ययन किया और जल स्तर के नीचे आने के कारण मीथेन के उत्सर्जन में 36 गुने की वृद्धि दर्ज की गई।

वातावरण में कार्बनडाई ऑक्साइड के मुकाबले मीथेन में सूर्य की किरणों को ग्रहण करने की क्षमता 25 गुना अधिक होती है। यद्यपि बांध एवं जलाशय धरती के बहुत ही छोटे से हिस्से पर हैं लेकिन जैविक गतिविधियों के कारण इनसे बड़ी मात्रा में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है। `आर्मी कोर ऑफ इंजीनियर्स नेशनल इंवेंटरी ऑफ डैम्स` के अनुसार सिर्फ अमेरिका में 80000 बांध हैं।

डीमर ने बताया कि बांधों को हरित ऊर्जा के विकल्प के रूप में देखा जाता है लेकिन ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में उनकी भूमिका को नजरअंदाज कर दिया जाता है। डीमर एवं ग्लेविन के निष्कर्षो को इसी हफ्ते अमेरिका के पोर्टलैंड में इकोलोजिकल सोसायटी ऑफ अमेरिका की बैठक में प्रदर्शित किया जाएगा। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, August 8, 2012, 19:08

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