चीन के साथ अंतरिक्ष में कोई स्पर्धा नहीं: इसरो

चीन के साथ अंतरिक्ष में कोई स्पर्धा नहीं: इसरो

चीन के साथ अंतरिक्ष में कोई स्पर्धा नहीं: इसरोश्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) : इसरो ने चीन के साथ अंतरिक्ष में किसी तरह की प्रतिस्पर्धा होने की बात से इनकार करते हुए आज कहा कि उसके मंगल मिशन का उद्देश्य वैज्ञानिक समुदाय के तौर पर और अधिक मूल्यवान चीजें सीखना है।

इसरो के प्रमुख डॉ के राधाकृष्णन से जब एक संवाददाता ने पूछा कि क्या भारत की चीन के साथ अंतरिक्ष में स्पर्धा है तो उन्होंने कहा, हमने कभी किसी से स्पर्धा नहीं की। अंतरिक्ष में विज्ञान से प्रौद्योगिकी का विकास होता है और बाद में इससे किसी कोई नया अनुप्रयोग सामने आता है। उन्होंने कहा कि मंगल मिशन की अपनी प्रासंगिकता है और किसी को भी वहां मीथेन समेत अन्य मौजूद समस्याओं की समझ हो सकती है।

राधाकृष्णन ने कहा, हाल ही में कैबिनेट द्वारा मंजूर किया गया मिशन एक चुनौती है और इसरो इसका सामना करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि मंगल मिशन एक समयबद्ध कार्यक्रम है जिससे नयी प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोगों का विकास होगा। भारत उन छह शीर्ष देशों में शामिल है जिनके पास सफल अंतरिक्ष कार्यक्रम है।

राधाकृष्णन ने कहा कि उपग्रह नवंबर, 2013 तक तैयार होगा और इसके प्रक्षेपण के लिए अनुकूल समय तब होगा जब मंगल पृथ्वी के करीब आएगा। उन्होंने कहा कि मिशन 300 दिनों का होगा और पृथ्वी की कक्षा से अंतरिक्षयान के रवाना होने के बाद इसका सिलसिलेवार संचालन होगा।

इसरो प्रमुख ने कहा, चंद्रयान से सीखे सबकों के आधार पर हमें यान में स्वचालित व्यवस्था विकसित करने की जरूरत है ताकि उपग्रह किसी स्थिति में खुद संभाल सके। यहां पीएसएलवी से दो विदेशी उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण के बाद उत्साहित राधाकृष्णन ने संवाददाताओं से कहा कि स्पॉट-7 जैसे अनेक विदेशी उपक्रम कतार में हैं।

चंद्रयान-2 के संदर्भ में राधाकृष्णन ने कहा कि जीएसएलवी अंतरिक्षयान पर भारत.रूस संयुक्त उपक्रम का संचालन एक भारतीय रोवर पर तथा रूसी केंद्र पर होगा। उन्होंने कहा कि आज के सफल प्रक्षेपण के बाद कक्षा में और अधिक विदेशी उपग्रहों को भेजने के लिए पूछताछ जारी है। इसरो की व्यावसायिक संस्था एंट्रिक्स ने अनेक पक्षों से बातचीत की है।

12वीं पंचवर्षीय योजना में अनेक प्रक्षेपण और अन्य प्रयास होंगे जिनमें 25 प्रक्षेपण यान और 33 उपग्रह शामिल हैं। उन्होंने इसरो का वित्तीय ब्योरा नहीं दिया लेकिन कहा कि उसने 11वीं पंचवर्षीय योजना में 20 हजार करोड़ रुपये खर्च किये। (एजेंसी)


First Published: Sunday, September 9, 2012, 15:38

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