Last Updated: Tuesday, November 29, 2011, 09:02
वाशिंगटन : पूर्वी अंटार्कटिका पर जलवायु परिवर्तन का गहरा प्रभाव पड़ रहा है। वैज्ञानिकों ने यह दावा करते हुए कहा कि यहां जलवायु परिवर्तन के कारण वायुमंडलीय रेडियोकार्बन में वृद्धि हुई है।
अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों के एक दल ने कहा कि काईयों द्वारा 1950 और 60 के दशकों में हुए परमाणु परीक्षणों के दौरान वायुमंडल से रासायनिक तत्व अवशोषित कर लेने के कारण यहां महत्वपूर्ण जलवायु परिवर्तन के लक्षण दिखाई दिए हैं। वोलोंगांग विश्वविद्यालय और ऑस्ट्रलियाई नाभिकीय विज्ञान और तकनीक संस्था के वैज्ञानिकों ने यह दावा किया। यह खोज पूर्वी अंकार्टिका में वायुमंडलीय रेडियोकार्बन में हुई नाटकीय वृद्धि को देखते हुए की गई।
वायुमंडलीय रेडियोकार्बन में हुई नाटकीय वृद्धि को ‘बॉम्ब स्पाइक’ का नाम दिया गया है। बॉम्ब स्पाइक का पता जीवित काईयों में परमाणु परीक्षणों के 50 साल के बाद चल रहा है। शोध करने वाले वैज्ञानिकों के दल का नेतृत्व प्रोफेसर शेरोन रॉबिन्सन ने किया। वैज्ञानिकों ने पूर्वी अंटार्कटिका के पांच जगहों से काई की चार प्रजातियों जुटायीं और जांच की।
रॉबिन्सन ने बताया, ‘‘कुछ काई की प्रजातियों में रेडियो कार्बन बॉम्ब स्पाइक 15 मिलीमीटर से 50 मिलीमीटर नीचे तक पाया गया जिससे पता चला कि यह पौधे 100 साल से ज्यादा पुराने हो सकते हैं।’
(एजेंसॉ)
First Published: Tuesday, November 29, 2011, 14:37