Last Updated: Monday, November 21, 2011, 13:19
मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने दुनिया भर में समुद्री जीव मूंगा के सामूहिक अंत के पीछे रहस्य का पता लगाने का दावा किया है। इसका सबसे बड़ा कारण जलवायु परिवर्तन बताया गया है।
‘एआरसी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फार कोरल रीफ स्टडीज’ और जेम्स कुक यूनिवर्सिटी के एक दल का कहना है कि मूंगा के सफेद पड़ने और पूरी दुनिया में मूंगे की चट्टानों के प्रभावित होने का कारण पानी का बढ़ता तापमान है। पानी का तापमान जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ा है।
मूंगों के सफेद पड़ने की सात बड़ी घटनाएं बीते 30 वर्षों के दौरान वैश्विक स्तर पर हुई हैं। सबसे ताजी घटना बीते साल हिंद महासागर और कोरल ट्राइएंगल की है। सबसे ज्यादा प्रभाव ऑस्ट्रेलिया के समुद्री क्षेत्र की सबसे बड़ी चट्टान ‘ग्रेट बैरियर रीफ’ पर 1980 के बाद से पड़ा है। वर्ष 2002 में इसका 55 फीसदी क्षेत्र प्रभावित हुआ था।
अब वैज्ञानिकों का कहना है कि पानी का तापमान बढ़ने से मूंगों का अंत होता है। नए शोध में आणविक संकेतों के माध्यम से इस रहस्य को समझाने का प्रयास किया गया है। शोध का नतीजा एक जर्नल ‘नेचर’ में प्रकाशित हुआ है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, November 21, 2011, 18:51