Last Updated: Monday, October 17, 2011, 07:27
लंदन : वातावरण मे हो रहे बदलावों का अध्ययन कर रहे वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक आवासों पर पड़ने वाले प्रभाव के चलते कई पौधों और ध्रुवीय भालू सहित कई जानवरों का आकार सिकुड़ रहा है।
‘नेचर क्लाइमेट चेंज’ जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दुनियाभर में बढ़ते तापमान और मौसम के चलन में बदलाव का बड़ा विनाशकारी प्रभाव पड़ा है। इस कारण पहले ही कई प्रजातियों की विकास दर रूक गई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि जो प्रजातियां मौसम में हो रहे बदलावों के अनुसार खुद को ढालने में असमर्थ हैं उनके लुप्त होने का खतरा अधिक है, क्योंकि जलवायु परिवर्तन ने पारिस्थितिय व्यवस्था में नाटकीय बदलाव किए हैं। इससे इन प्रजातियों का भोजन तथा अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जरूरी माने जाने वाले अन्य कारकों में बदलाव आ गया है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मछली और खाद्यान्न का आकार छोटा होने से इंसान की बढ़ती आबादी भी प्रभावित हो सकती है। आकार छोटा होने या सिकुड़ने के परिणाम अभी पूरी तरह समझे नहीं गए हैं लेकिन जैविकिय पारिस्थितिकी तथा इंसानों, दोनों के लिए ये दूरगामी हो सकते हैं। ‘द डेली टेलीग्राफ’ के रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, October 17, 2011, 13:24