Last Updated: Wednesday, February 22, 2012, 08:44
लंदन : प्राणी जगत में उपयोग की जाने वाली ‘गुप्त भाषा’ का पता लग गया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि संवाद के लिए कुछ प्राणी एक खास किस्म की प्रकाश का प्रयोग करते हैं। पत्रिका ‘करेंट बॉयोलॉजी’ के मुताबिक वैज्ञानिकों ने पता लगाना शुरू किया कि जानवर ‘धुव्रीकरण’ का प्रयोग संवाद के लिए कैसे करते हैं। यह प्रकाश की एक प्रकार है जो मनुष्यों को नहीं दिखता है।
वैज्ञानिकों ने एक समुद्री जीव कटलफीश की प्रजाति पर अध्ययन किया कि प्राणी जगत में धुव्रीकरण को किस तरह संवाद के लिए इस्तेमाल किया जाता है और जीव विज्ञान में इन संकेतों का क्या महत्व है। ब्रिटेन के ब्रिस्टल विश्वविद्यालय और ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के मुताबिक अध्ययन से खुलासा हुआ कि समुद्री जीव सीफालोपोडस को ‘पोलराइज्ड लाइट’ की कई सारी दिशाओं का कैसे पता होता है।
स्तनपायी और कुछ अन्य समूहों में ‘पी-वीजन’ नहीं है लेकिन प्राणी जगत के कई समूहों में यह होता है। चींटियां, मक्खी और मछली भी ध्रुवीकरण का इस्तेमाल मार्ग-निर्देशन के लिए करते हैं। जिस तरह से रंग की अहमियत हमारे लिए है उसी तरह पशु भी आपस में संवाद के लिए ‘पी विजन’ का प्रयोग करते हैं।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 22, 2012, 14:14