Last Updated: Wednesday, April 3, 2013, 23:13
नई दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान संगठन (इसरो) के प्रमुख के राधाकृष्णन ने बुधवार को कहा कि भारत एक साल के अंदर ऐसे रॉकेट विकसित करने का इरादा रखता है जिनसे भारी उपग्रहों और अधिक अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जा सकेगा।
राधाकृष्णन ने यहां आयोजित सीआईआई की वार्षिक बैठक में कहा कि जीएसएलवी-मार्क 3 की पहली परीक्षण उड़ान अब से एक साल के भीतर होगी। चार टन के उपग्रह को अंतरिक्ष में पहुंचाने में सक्षम इस नये रॉकेट से इसरो की वाणिज्यिक इकाई एंट्रिक्स कॉरपोरेशन को अंतरिक्ष से संबंधित वैश्विक बाजार में सस्ती सेवा मुहैया कराने में मदद मिलेगी। आम तौर पर एक जीएसएलवी रॉकेट 2.2 टन के उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजने में सक्षम है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 3, 2013, 23:13