Last Updated: Thursday, May 31, 2012, 21:44

वाशिंगटन : भारत के वैज्ञानिकों समेत एक अंतरराष्ट्रीय दल ने देसी टमाटर के जेनेटिक कोड का पता चलने का दावा किया है, जिससे टमाटर का स्वाद, इसके पोषक तत्व, रंग और उसके ताजा रहने की अवधि में बदलाव हो सकता है।
टमाटर प्रजाति की पूरी जीनोम श्रृंखला हींज 1706 कहलाती है। इस बारे में पत्रिका ‘नेचर’ में सामग्री प्रकाशित की गई है। जीनोम श्रृंखला बनाने का मतलब किसी जीव के डीएनए की डिकोडिंग करना है, जो ब्लूप्रिंट की तरह वैज्ञानिकों की मदद करता है और उसमें सुधार का अवसर देता है।
नौ साल की कड़ी मेहनत के बाद अनुसंधान में अंतत: सफलता प्राप्त करने वाले दल ने कहा कि टमाटर में अनुमानित 35 हजार जीन्स की विस्तृत झलक जीनोम श्रृंखला में मिलती है।
टोमेटो जीनोम कंसोर्टियम (टीजीसी) में शामिल 300 वैज्ञानिकों में से कार्नेल यूनिवर्सिटी के जेम्स जियोवन्नोनी ने कहा कि जीनोम के बारे में इस तरह की जानकारी मिलने से टमाटर उत्पादक किसानों को उसके पोषक तत्वों, रोग प्रतिरोधकों, स्वाद तथा रंग में सुधार में मदद मिल सकती है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 31, 2012, 21:44