Last Updated: Tuesday, August 21, 2012, 09:16

लंदन: विश्व की जनसंख्या के एक फीसदी यानी सात करोड़ लोग `अलैंगिक` हैं। ये लोग यौन आकर्षण महसूस नहीं करते। यह बात एक विशेषज्ञ ने कही है।
सामाचारपत्र `डेली मेल` के मुताबिक, कनाडा के ब्रोक विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर एंथनी बोगार्ट ने कहा कि संस्कृति का यौनीकरण हो जाने पर कुछ लोगों की यौन-भावना दब जाती अथवा वे इससे विरक्त हो जाते हैं। यही वजह है कि लाखों लोग दूसरों के प्रति शारीरिक आकर्षण महसूस नहीं करते।
बोगार्ट ने इसी विषय पर एक किताब लिखी है जो अगले महीने प्रकाशित होगी। इस किताब का शीर्षक है `अंडरस्टैंडिंग असेक्सुअलिटी`। इसमें बताया गया है कि यौन से विमुख लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उन्हें `चौथे यौन अभिविन्यास` वर्ग में रखा जाना चाहिए।
विशेषज्ञों का मानना है कि यौन से विमुख लोगों का अस्तित्व हमेशा से रहा है, लेकिन इन लोगों ने अब खुद को इस स्थिति से उबारना शुरू कर दिया है, क्योंकि समाज अधिक उन्मुक्त हो गया है।
बोगार्ट ने अलैंगिकता की परिभाषा `यौनाकर्षण का पूरी तरह अभाव` के रूप में दी है।
वह कहते हैं, "अलैंगिक के दो रूप हैं- कुछ लोग कुछ हद तक यौनक्रिया में रुचि लेते हैं, लेकिन सीधे तौर पर दूसरे के समक्ष प्रकट नहीं करते और दूसरे किस्म के वे लोग हैं जो किसी भी हालत में यौनक्रिया में रुचि नहीं लेते।"
बोगार्ट ने 1994 में यौनाकर्षण पर हुए एक सर्वेक्षण पर 2004 में ब्रिटेन के 18,000 लोगों की प्रतिक्रया लेकर उसका विश्लेषण किया था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 21, 2012, 09:16