Last Updated: Tuesday, July 10, 2012, 09:02

सिडनी : दुनिया के 2600 से अधिक शीर्ष समुद्री वैज्ञानिकों ने आगाह किया कि विश्व में मूंगे की चट्टानों में तेजी से कमी आ रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि बची हुई इन चट्टानों की रक्षा के लिए जलवायु बदलाव के बारे में फौरन वैश्विक स्तर पर कार्रवाई हुई है।
आस्ट्रेलिया के पूर्वोत्तर शहर कैर्नस में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मूंगा चट्टान सम्मेलन में जारी सहमति बयान में इस बात पर जोर दिया गया कि लाखों लोगों का जीवनयापन खतरे में है। वैज्ञानिकों ने बताया कि दुनिया भर में मूंगे की चट्टानें तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले असंख्य लोगों को भोजन एवं रोजगार मुहैया कराती हैं। इनके कारण पर्यटन से खासा कमाई होती है। मूंगे की चट्टानें तूफानों और लहरों के लिए प्राकृतिक बाधा का काम करती हैं।
बयान में समुद्र के तापमान में बढ़ोतरी, महासागरों के अमलीकरण, अत्यधिक मछलियां पकड़ने और भूमि से होने वाले प्रदूषण के कारण हो रहे बढ़ रहे नुकसान को कम करने के लिए उपाय किये जाने चाहिए। इस बयान का सम्मेलन में भाग लेने आए सदस्यों तथा अन्य वैज्ञानिकों ने समर्थन किया है। सम्मेलन का आयोजन हर चार साल बाद होता है और इसमें 80 देश के करीब 2000 समुद्री वैज्ञानिक भाग लेते हैं। सम्मेलन के आयोजक टैरी ह्यूजेस, ‘दुनिया के लिए जलवायु बदलाव पर कार्रवाई करने के लिए यह एक अवसर है। लेकिन यह अवसर भी जल्द ही हाथ से निकल जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 10, 2012, 09:02