Last Updated: Tuesday, April 30, 2013, 16:58

नई दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को इस बात से इनकार किया कि पिछले तीन साल के दौरान देश में, खास कर उत्तर प्रदेश में शिशु मृत्युदर में वृद्धि हुई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने इसके विपरीत राज्यसभा को बताया कि भारत के महापंजीयक की नमूना पंजीयन प्रणाली (एसआरएस) रिपोर्ट के अनुसार देश और उत्तरप्रदेश में शिशु मृत्युदर कम हुई है।
उन्होंने दर्शन सिंह यादव के प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि एसआरएस रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में प्रति 1000 जीवित जन्म पर शिशु मृत्युदर वर्ष 2008 में 53, वर्ष 2009 में 50, वर्ष 2010 में 47 और वर्ष 2011 में 44 थी। इसी रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में प्रति 1000 जीवित जन्म पर शिशु मृत्युदर वर्ष 2008 में 67, वर्ष 2009 में 63, वर्ष 2010 में 61 और वर्ष 2011 में 57 थी।
आजाद ने बताया कि उत्तरप्रदेश समेत देश भर में शिशु मृत्युदर कम करने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत कई पहल की जा रही हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने पंकज बोरा के प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि विश्व स्वास्थ्य सांख्यिकी रिपोर्ट 2012 के अनुसार, देश में पांच साल से कम उम्र के 43 . 5 फीसदी बच्चे कम वजन वाले हैं।
आजाद ने बताया कि वर्ष 2005-06 में कराए गए राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण तीन के अनुसार, पांच साल से कम उम्र के 70 लाख बच्चों को अत्यधिक गंभीर कुपोषण होने की आशंका थी लेकिन वर्ष 2010 में कराए गए एचयूएनजीएएमए सर्वे के अनुसार, कुपोषण वाले 100 जिलों में 3-3 फीसदी बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित पाए गए थे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 30, 2013, 16:58