द्विभाषी माहौल में बच्चे 7 महीने में ही समझने लगते हैं व्याकरण

द्विभाषी माहौल में बच्चे 7 महीने में ही समझने लगते हैं व्याकरण

द्विभाषी माहौल में बच्चे 7 महीने में ही समझने लगते हैं व्याकरणटोरंटो : बच्चे दो भाषाओं में अंतर कर सकते हैं और उनके बृहत और विभिन्न व्याकरण संरचनाओं को सात महीने की अवस्था से ही सीखना शुरू कर सकते हैं। एक नए शोध ने इसका खुलासा किया है। अध्ययन दर्शाता है कि द्विभाषी माहौल में शिशु भाषाओं में अंतर के लिए संकेत शब्दों की अवधि और पीच का इस्तेमाल करते हैं।

अंग्रेजी में प्रयोजनमूलक शब्द विषय वस्तु शब्द के पहले आते हैं। जैस द डॉग, हिज हैट आदि। विषय वस्तु वाले शब्दों (डॉग, हैट ) की अवधि लंबी होती है। जबकि जापानी और हिंदी में यह क्रम उल्टा हो जाता है और विषय वस्तु वाले शब्दों की पीच उच्च हो जाता है।

यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया की जेनेट वेरकर कहती हैं किसात महीने की अवस्था में ही बच्चे इन अंतरों के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं और इन संकतों का इस्तेमाल भाषाओं में अंतर करने के लिए करते हैं। वेरकर बताती हैं कि यदि आप अपने घर पर दो भाषाओं का इस्तेमाल करते हैं, तो इसमें डरने की कोई बात नहीं है। इसमें सारी बाजी हारने वाली बात नहीं है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, February 16, 2013, 12:29

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