Last Updated: Wednesday, December 19, 2012, 08:24

लंदन : ब्रिटिश और भारतीय शोधकर्ताओं ने चार साल के अध्ययन के बाद कहा है कि अगले साल इलाहाबाद में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर होने जा रहा महाकुंभ विश्व के सबसे विशालतम धार्मिक जमावड़े में से एक है और यह पृथ्वी पर सबसे बड़ा मेला है ।
आगामी 14 जनवरी, 2013 को गंगा और यमुना के तट पर शुरू होने जा रहे इस महाकुंभ में 10 करोड़ लोगों के भाग लेने की संभावना है ।
ब्रिटिश और भारतीय शोधकर्ताओं के दल ने चार साल तक कुंभ का अध्ययन किया। इस दौरान उन्होंने देखा कि लोग एक दूसरे के साथ किस तरह से व्यवहार करते हैं, भीड़ का उनका क्या अनुभव है और इस भीड़ का उनके रोजमर्रा के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है ।
ये शोधकर्ता 24 जनवरी, 2013 को इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एक विशेष कार्यक्रम में अपने निष्कषरे केा पेश करेंगे ।
इस अध्ययन में कुंभ मेला को एक अविश्वसनीय कार्यक्रम और पृथ्वी पर सबसे बड़ा मेला बताया गया है ।
महाकुंभ मेले में पूरी दुनिया के लोग आते हैं और लाखों श्रद्धालू गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं। महाकुंभ के दौरान धर्म गुरूओं जुलूस तथा राख लपेटे नगा साधू सभी के आकषर्ण का केंद्र होते हैं ।
यह अध्ययन डूंडी विश्वविद्यालय के निक हॉपकिंस और सेंट एंड्रियूज विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्टीफन रेइसर तथा इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर नारायण श्रीनिवासन के नेतृत्व में किया गया है । (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 19, 2012, 08:24