Last Updated: Wednesday, July 10, 2013, 09:29

नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि ल्यूकीमिया (अधिश्वेत रक्तता) की कुछ किस्मों के चिकित्सीय परीक्षणों में इस्तेमाल किए जाने वाली कैंसर रोधी दवाएं सबसे सामान्य किस्म के स्तन कैंसर के उपचार में प्रभावी साबित हो सकती हैं।
द एर्जं की खबर के अनुसार, वाल्टर एंड एलिजा हॉल इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता अपने अध्ययन में यह जांच कर रहे थे कि जब बीएचथ्री मामेटिक्स नामक ड्रग स्तन कैंसर के एक अन्य ड्रग टैमॉक्सीपेन के साथ मिलता है तो स्तन कैंसर के कई प्रकारों का इलाज प्रभावशाली तरीके से करता है।
रिपोर्ट के अनुसार, उग्र ओएस्ट्रोजेन धनात्मक संग्राही के रूप में पहचाने जाने वाले ये पदार्थ 70 प्रतिशत स्तन कैंसरों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
वाल्टर एंड एलिजा हॉल की स्तन कैंसर प्रयोगशाला के संयुक्त प्रमुख जियोप लिंडमेन ने कहा कि जानवरों पर इन ड्रग्स के मिश्रण का प्रयोग करने पर या तो ट्यूमर की वृद्धि ही रूक गई या पिर ट्यूमर गायब ही हो गया।
उन्होंने कहा, स्तन कैंसर के लिए आपके पास इन दोनों ड्रग्स का कार्यशील होना जरूरी है। उन्होंने आगे कहा, यह ड्रग अपने आप प्रभावी साबित नहीं होता लेकिन स्तन कैंसर के पारंपरिक ड्रग टेमॉक्सीपेन के साथ यह चीजों को प्रमुखता से बदलता है।
उन्होंने कहा, शोधकर्ताओं ने स्तन कैंसर के रोगियों में से ट्यूमर के सैंपल लेकर उन चूहों में लगाए जिनके प्रतिरोधन तंत्र इस ऊतक का विरोध करने में समर्थ थे। इन चूहों का उपचार उसके बाद इन दोनों ड्रग्स के मिश्रण से कराया गया। इससे वही प्रतिक्रियाएं मिली, जो असल इंसान में स्तन कैंसर के उपचार पर मिलती हैं। लिंडमैन ने कहा कि इस तरह के निष्कर्षों से दूसरे ट्यूमर आधारित कैंसरों के उपचार के लिए भी संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
स्तन कैंसर के प्रकारों और ल्यूकीमिया के बीच की कड़ी के रूप में काम करने वाले अणु का नाम बीसीएल 2 है। 85 प्रतिशत ईआर धनात्मक स्तन कैंसरों में प्रदर्शित होने वाला यह अणु कैंसर ट्यूमर के लिए एक जीवनदायी पदार्थ की तरह काम करता है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 10, 2013, 09:29