Last Updated: Saturday, October 8, 2011, 08:01
लंदन. अगर आप सोचते हैं कि शिशु सही और गलत के बारे में अहसास नहीं कर पाते हैं, तो वैज्ञानिकों का एक नया शोध आपकी इस सोच को बदल सकता है.
वैज्ञानिकों ने इस शोध में दावा किया है कि 15 महीने तक के शिशु को भी जरूरी अहसास होता है कि क्या सही है और क्या गलत.
यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के वैज्ञानिकों के इस शोध से पता चला है कि इतने छोटे बच्चे भी खाने-पीने की चीजों के समान- असमान वितरण में अंतर पता कर सकते हैं और समान वितरण नहीं होने पर आश्चर्य भी प्रकट करते हैं.
‘डेली एक्सप्रेस’ में मुख्य शोधकर्ता प्रोफेसर जेसिका समरविले के अनुसार, ‘‘हमारे शोध से पता चला है कि सही और गलत का ज्ञान शिशुओं को उससे भी कहीं तेजी से होता है, जितना हम सोचते थे.’’ शोध के लिए शिशुओं को दूध और पटाखों के वितरण से जुड़ा एक वीडियो दिखाया गया.
प्रो. जेसिका ने बताया, ‘‘शिशुओं को बराबर के वितरण की आशा थी. उन्हें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि एक व्यक्ति को दूसरे से ज्यादा दूध या पटाखे दिये गए.’’
(एजेंसी)
First Published: Saturday, October 8, 2011, 13:34