Last Updated: Tuesday, January 8, 2013, 09:19

लंदन: वजन का प्रमाणिक मानक पहले से भारी हो गया है। यह जानकारी ब्रिटेन के एक विश्वविद्यालय के एक विशेषज्ञ ने दी। विशेषज्ञ ने दुनिया में अपने तरह की एक मात्र अत्याधुनिक थीटा-प्रोब एक्सपीएस मशीन का उपयोग कर कहा कि 1875 में स्थापित किलोग्राम अपने वास्तविक वजन से एक ग्राम के कई हिस्सों के बराबर अधिक भारी हो सकता है।
शोध पत्रिका जर्नल ऑफ मेट्रोलोजिया के मुताबिक इस मानक किलोग्राम को इंटरनेशनल प्रोटोटाइप किलोग्राम (आईपीके) कहा जाता है। इसी के मुताबिक अन्य वजन मानकों को स्थापित किया जाता है।
विशेषज्ञ के मुताबिक मानक की सतह पर कुछ पदार्थो के जमने से यह अधिक भारी हो सकता है।
1884 में मूल आईपीके की 40 नकल तैयार कर दुनिया भर में वितरित की गई थी। ब्रिटेन के पास 18वीं नकल है। मूल मानक फ्रांस के पेरिस में मौजूद है।
न्यूकैसल विश्वविद्यालय के मुताबिक औद्योगीकरण और आधुनिक जीवन शैली के कारण प्लेटिनम आधारित इन मूल मानक किलोग्राम और उसकी 40 नकलों की सतह पर कुछ पदार्थो की काई जम गई है।
न्यूकैसल के पीटर कम्प्सन और नाओको ने आधुनिक एक्स-रे फोटोइलेक्ट्रॉन स्पेक्ट्रोस्कोपी के जरिए सतह पर जमे हाइड्रोकार्बन का विश्लेषण किया और तय करने की कोशिश की कि इसे कैसे साफ किया जाए।
न्यूकैसल में माइक्रो इलेक्ट्रो मिकैनिकल सिस्टम्स के प्रोफेसर कम्प्सन ने कहा कि दुनिया भर में आईपीके और इसकी 40 नकल अलग-अलग गति से भारी हो रही है। सतह पर अल्ट्रावायलेट किरणों और ओजोन का मिश्रण डाल कर हम किलोग्राम की सतह पर जमे कार्बोनेयिस पदार्थो को हटा सकते हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 8, 2013, 09:19