बच्चों में भी बनती हैं नई ह्रदय कोशिकाएं

बच्चों में भी बनती हैं नई ह्रदय कोशिकाएं

बच्चों में भी बनती हैं नई ह्रदय कोशिकाएंवाशिंगटन : जन्म के बाद दिल में नई मांसपेशीय कोशिकाएं बनती हैं या पहले से मौजूद कोशिकाएं ही आकार में बढ़ती हैं, इस पर एक शताब्दी तक चली बहस के बाद अब शोधकर्ताओं ने कहा है कि बच्चों व किशोरों में भी इस तरह की कोशिकाएं बनती हैं। अब तक माना जाता था कि मानव का दिल जन्म के बाद ही विकसित होता है और पहले से मौजूद कोशिकाओं के आकार में बढ़ने से ऐसा होता है और चूंकि पुरानी कोशिकाएं बड़ी हो जाती हैं इसलिए घाव लगने की स्थिति में दिल की मरम्मत के लिए उनसे नई कोशिकाएं विकसित हो जाती हैं।

`प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज` जर्नल के मुताबिक वर्ष 2009 की शुरुआत में बोस्टन चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल के बर्नहार्ड कुहन व उनके दल ने शून्य से 59 वर्ष आयु के स्वस्थ लोगों से स्पेसीमैन इकट्ठे किए थे। प्रयोगशाला में कई जांचों के बाद उन्होंने बताया कि इन लोगों के दिलों में जन्म के बाद भी कोशिकाओं में विभाजन हो रहा है और इससे ह्रदय कोशिकाओं की संख्या बढ़ी है।

बच्चा जब नवजात अवस्था में होता है तब उसके दिल की कोशिकाएं सबसे ज्यादा तेजी से बनती हैं। इसके बाद यह गति धीमी हो जाती है और किशोरावस्था में इसमें फिर तेजी आती है, जो 20 साल की उम्र तक जारी रहती है। (एजेंसी)

First Published: Friday, January 11, 2013, 17:20

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