बढ़ते शहरीकरण से लोग धूप के लिए मोहताज

बढ़ते शहरीकरण से लोग धूप के लिए मोहताज

बढ़ते शहरीकरण से लोग धूप के लिए मोहताजवाशिंगटन: एक नए अध्ययन में पता चला है कि दिन प्रति दिन बढ़ते शहरीकरण के कारण लोगों तक सूरज की रौशनी पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पा रही है। सूरज की रौशनी से इंसान के शरीर को प्राकृतिक रूप से विटामिन डी मिलता है, जो शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में सहायक होता है। पेन्न स्टेट यूनिवर्सिटी में एंथ्रोपोलॉजी की प्रोफेसर, नीना जेबलोन्सकी ने बताया कि करीब 20 लाख साल पहले, सूर्य की रोशनी में मौजूद पराबैंगनी किरणों की इंसान के शरीर पर होने वाली अभिक्रिया को नियंत्रित करने के लिए मेलानिन नामक वर्णक का विकास मानव शरीर में शुरू हुआ था। मेलानिन की वजह से ही त्वचा का रंग काला होता है।

मेलानिन, मनुष्य के शरीर में सूर्य की किरणों से होने वाली अभिक्रिया को संतुलित बनाए बनाए रखने में सहायक है। यह एक तरफ शरीर को विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा के लिए पाराबैंगनी किरणें उपलब्ध कराता है और दूसरी तरफ शरीर को किरणों के दुष्प्रभाव से बचाता है।

जेबलोन्सकी के अनुसार, "आज अधिकतर लोग शहरों में रहते हैं और बहुत सीमित मात्रा में सूर्य की रौशनी उन तक पहुंच पाती है। दुनिया के लगभग 60 प्रतिशत लोग आज शहरों में रहते हैं।"

पेन्न युनिवर्सिटी के एक बयान के अनुसार, ज्यादतर घरों में या इमारतों के अन्दर रहने वालों में लगातार त्वचा द्वारा विटामिन डी के निर्माण की क्षमता घटती जा रही है।

जेबलोन्सकी ने कहा है, "सूरज की पर्याप्त रौशनी न मिलने के कारण कई लोगों के शरीर में विटमिन डी की कमी हो सकती है।" (एजेंसी)

First Published: Monday, February 18, 2013, 08:29

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