बांध से है मानव जीवन एवं प्रकृति को खतरा

बांध से है मानव जीवन एवं प्रकृति को खतरा

बांध से है मानव जीवन एवं प्रकृति को खतरासिंगापुर : हिमाचल क्षेत्र में भारत की बांध निर्माण गतिविधियों से मानव जीवन एवं जीविका के लिए गंभीर खतरा है और इससे कई वनस्पतियां तथा जीव विलुप्त हो सकते हैं।

एक अध्ययन रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों पर पनबिजली परियोजना के निर्माण और करीब 300 बांधों के निर्माण को लेकर यह अध्ययन किया गया।

नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर में प्रोफेसर महाराज के पंडित के नेतृत्व और दिल्ली विश्वविद्यालय एवं कुनमिग इंस्टीट्यूट ऑफ बॉटनी ऑफ चाइनीज एकेडमी में उनकी टीम की ओर से यह अध्ययन किया गया।

शोधकर्ताओं ने पाया कि बांधों के निर्माण से करीब 90 फीसदी हिमालय घाटी प्रभावित होगी और 27 फीसदी बांध घने जंगलों को भी बुरी तरह प्रभावित करेंगे।

शोध दल का अनुमान है कि बांध निर्माण संबंधी गतिविधियों से हिमालय क्षेत्र में 170,000 हेक्टेयर का जंगल तबाह हो सकता है।

शोधकर्ताओं के अनुसार हिमालय क्षेत्र में बांध का घनत्व मौजूदा वैश्विक आकंड़े से 62 गुना अधिक हो सकता है। इससे क्षेत्र में 22 वनस्पतियों और सात जीव विलुप्त हो सकते हैं। अध्ययन में कहा गया है कि जल प्रवाह ही नदियों में मत्स्य जीवों के अस्तित्व का सबसे बड़ा जरिया है और बांध निर्माण गतिविधियों में बड़े पैमाने पर पानी का उपयोग हो रहा है जिससे इन जीवों के अस्तित्व के लिए भी खतरा पैदा हो गया है।

इसके मुताबिक बांधों के निर्माण के कारण बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों को विस्थापित भी होना पड़ा है।

पंडित ने एक बयान में कहा,‘हम आर्थिक विकास के लिए देश की जरूरत से अवगत हैं। परंतु संतुलित विकास होना चाहिए।’ (एजेंसी)

First Published: Sunday, January 20, 2013, 21:00

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