Last Updated: Friday, October 14, 2011, 11:38
मेलबर्न : अभी तक मोतियाबिंद में सिर्फ ऑपरेशन के द्वारा ही उपचार संभव था मगर ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने मोतियाबिंद के इलाज में सक्षम विश्व की पहली दवा बनाने का दावा किया है।
मोतियाबिंद में कालपेन जैसा प्रोटीन आंखों के लेंस के उपर इकट्ठा हो जाता है, जिससे आंखों की रोशनी प्रभावित होती है। वर्तमान में इसका इलाज सिर्फ प्रभावित लेंस को शल्य चिकित्सा के जरिए हटा कर नया कृत्रिम लेंस लगाने से होता है।
हालांकि अब एडिलेड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के इस दल ने बिना शल्य चिकित्सा के ही इस बीमारी का इलाज करने का दावा किया है। इन वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने कालपेन थेरेनटिक्स के साथ मिल कर इस दवा का आविष्कार किया है और इसके प्रारंभिक परीक्षण सफल रहे हैं। हालांकि मानवों पर अभी इसका परीक्षण किया जाना बाकी है।
इस दल के प्रमुख प्रोफेसर एंड्रयू अबेल ने ‘द एडवर्टाइजर’ को बताया कि यह दवा मोतियाबिंद को प्रभावी तौर पर बढ़ने से रोकेगी, जिससे शल्य चिकित्सा की जरूरत खत्म हो जाएगी।
(एजेंसी)
First Published: Friday, October 14, 2011, 17:08