Last Updated: Thursday, July 18, 2013, 12:41

हैदराबाद : शहर के नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इन्स्टीट्यूट (एनजीआरआई) के एक अध्ययन में कहा गया है कि भारतीय हिमालीय क्षेत्र के कई भाग भूकंप के प्रति संवेदनशील हैं और वहां भूकंप आने का खतरा है।
एनजीआरआई के वैज्ञानिक दल का अध्ययन करने वाले प्रमुख वैज्ञानिक (सीस्मिक टोमोग्राफी) श्याम राय ने बताया कि अध्ययन के लिए उत्तराखंड के कुमाऊं-गढ़वाल क्षेत्र में सिस्मिक इमैजिंग के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया है। सिस्मिक इमैजिंग मानव शरीर की इमैजिंग की तरह होती है।
अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के सहयोग से यह अध्ययन अप्रैल 2005 से जून 2008 के बीच किया गया। अमेरिकी सरकार को इस अध्ययन की जरूरत थी और इसकी शुरुआती रिपोर्ट वर्ष 2010 में सौंपी गई थी। बहरहाल, सिस्मिक इमैजिंग और अध्ययन के अन्य पहलुओं का विस्तृत ब्यौरा इसके बाद ही मिला।
यह पूछे जाने पर कि क्या उत्तराखंड में पिछले माह हुई भीषण बारिश का संबंध अध्ययन के नतीजों से है, राय ने कहा ‘नहीं।’ बहरहाल उन्होंने कहा कि यह सब मिलीजुली प्रणाली है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को इसलिए चुना गया क्योंकि कुछ आंकड़े उपलब्ध थे जिनसे पता चलता है कि इस क्षेत्र में खिंचाव (स्ट्रेन बिल्डअप) बहुत ज्यादा है। इसीलिए यहां भूकंप आने की आशंका भी अत्यधिक है। वह जानना चाहते थे कि भूकंप कहां आ रहे हैं। कुमाऊं में वर्ष 1803 में तीव्र भूकंप आया था। (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 18, 2013, 12:41