Last Updated: Monday, November 19, 2012, 15:23

नई दिल्ली: धरती पर भले ही दीवाली का त्यौहार खत्म हो गया हो लेकिन आकाश में एक खगोलीय दीवाली होनी अभी बाकी है। बुधवार यानी 20 नवंबर की रात आकाश में उल्का वृष्टि के रूप में लोग आकाशीय आतिशबाजी का आनंद उठा सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय उल्का संगठन (आईएमओ) के अनुसार 20 नवंबर को आकाश में लगभग 10 से 15 उल्काएं देखे जाने की संभावना है । तब मूल धूमकेतु 55 पी..टेंपेल टटल से धूलकण बाहर निकलेंगे।
रात दो बज कर तीस मिनट के बाद से लोग पूर्व दिशा में आकाश में तेज प्रकाश वाली चमकीली धारियां देख सकते हैं।
प्लैनेटरी सोसाइटी ऑफ इंडिया के महासचिव एन श्री रघुनंदन कुमार ने बताया कि इस उल्का वृष्टि को लियोनिड्स नाम दिया गया है क्योंकि इसमें शामिल उल्काओं के लियो तारामंडल से प्रकाश बिखेरने की उम्मीद हैं।
कुमार ने बताया कि इस खगोलीय घटना को देखने के लिए टेलीस्कोप या दूरबीन की जरूरत नहीं है। 55 पी..टेंपेल टटल धूमकेतु एक आवधिक धूमकेतु है जिसकी कक्षीय अवधि 33 साल है। यह हमारे सारैमंडल से हर 33 साल साल में एक बार गुजरता है। 19 दिसंबर, 1865 को अर्न्स्ट टेंपल ने और छह जनवरी, 1866 को होरैस परनेल टटल ने स्वतंत्र रूप से इसकी खोज की थी। यह उल्काएं आकार में नौ मिलीमीटर और द्रव्यमान में 85 ग्राम की हो सकती हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 19, 2012, 15:08