Last Updated: Sunday, July 7, 2013, 18:57

बेंगलुरु : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की अक्तूबर-नवम्बर में आगामी ‘बिग बैंग’ मंगल ऑर्बिटर मिशन के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। यह भारत का एक महत्वाकांक्षी मिशन है जिससे न सिर्फ इसरो की प्रतिष्ठा बढ़ेगी, बल्कि लाल ग्रह पर जीवन के संभावित अस्तित्व पर भी प्रकाश पड़ेगा।
इसरो अधिकारियों के अनुसार ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन से (पीएचएलवी एक्सएल) से प्रक्षेपित किया जाने वाला उपग्रह जटिल वैज्ञानिक प्रयोग करेगा। मंगल की सतह, वातावरण और खनिजों का अध्ययन करने के लिए पांच उपकरण होंगे।
इसमें मंगल की उपरी सतह की प्रक्रिया के अध्ययन, मीथेन गैस की मौजूदगी और मंगल की उपरी सतह की तटस्थ रचना से संबंधित अध्ययनों के लिए एल्फा फोटोमीटर, मीथेन सेंसर और मार्टियन एक्सोसफेरिक कंपोजीशन एक्सप्लोरर जैसे उपकरण लगे होंगे। मार्स कलर कैमरा (एमसीसी : प्रकाश संबंधी तस्वीरें लेगा और टीआईआर इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर (टीआईएस) सतह की रचना तथा खनिज भंडार का नक्शा तैयार करने पर केंद्रित होगा।
इसरो के एक अधिकारी ने कहा कि मार्स ऑर्बिटर मिशन (एमओएम) अंतरिक्ष यान समेकन प्रक्रिया प्रगति पर है। इसके पूरो हो जाने पर अंतरिक्ष यान को क्षमता परीक्षणों से गुजरना होगा। मिशन से इसरो को इस तरह के अन्वेषण, जीवन के संभावित अस्तित्व और भविष्य में मंगल पर निवास जैसी प्रौद्योगिकी चुनौतियों को समझने में मदद मिलेगी। (एजेंसी)
First Published: Sunday, July 7, 2013, 18:57