Last Updated: Wednesday, November 30, 2011, 10:08
वाशिंगटन : आज जब महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चल रहीं है तो पेशेवर जीवन में जोखिम उठाने में भी वे उनसे पीछे नहीं हैं, खासकर जब वे अन्य महिलाओं से घिरी हों। यह निष्कर्ष एक अंतरराष्ट्रीय दल के एसेक्स विश्वविद्यालय में किए गए अध्ययन पर आधारित है। इसमें इस बात का पता लगाया गया कि क्या सह शिक्षा के वातावरण में एक ही सेक्स की मौजूदगी वाली कक्षाएं विद्यार्थियों में जोखिम उठाने की प्रवृत्ति पैदा करतीं हैं।
दल के अगुवा प्रो. एलिसोन बूट ने कहा कि परिणाम बताते हैं कि जन्मजात लक्षणों की बजाय सामाजिक सीखें और वातावरणीय कारक महिलाओं में चुनौती लेने की प्रवृत्ति को कम करते हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने विश्वविद्यालय के प्रथम वर्ष के छात्रों पर एक प्रयोग किया, जिन्होंने दो अलग-अलग तारीखों पर लॉटरी पर दांव लगाया था। छात्रों को तीन प्रकार की कक्षाएं दी गई- सभी महिलाएं, सभी पुरुष और सह शिक्षा। उन्हें बाद में समूह बदलने की इजाजत नहीं थी।’
प्रो. बूट ने कहा कि हमने पाया कि दोनों तारीखों में औसत महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में चुनौती पूर्ण चुनाव कम किया। बहरहाल आठ हफ्तों में लड़कियों वाली कक्षा की छात्राओं ने अपने सह शिक्षा समूह के समकक्षों की तुलना में उल्लेखनीय रूप से लॉटरी का चयन ज्यादा पसंद किया। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह परिणाम श्रम बाजार पर लागू होता है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 30, 2011, 15:38