मानव कंप्यूटर के रूप में मशहूर शकुंतला देवी नहीं रहीं

मानव कंप्यूटर के रूप में मशहूर शकुंतला देवी नहीं रहीं

मानव कंप्यूटर के रूप में मशहूर शकुंतला देवी नहीं रहींबेंगलुरु : बगैर कागज कलम के गणित के जटिल सवालों का हल करने को लेकर ‘मानव कंप्यूटर’ के नाम से मशहूर शकुंतला देवी का आज यहां निधन हो गया। वह 80 साल की थी।

शकुंतला देवी एजुकेशनल फाउंडेशन पब्लिक ट्रस्ट के न्यासी डीसी शिवदेव ने बताया, ‘बेंगलुरु अस्पताल में उनका निधन हो गया।’ शिवदेव ने बताया कि सांस लेने में समस्या आने पर उन्हें कुछ दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें बाद में हृदय और गुर्दे में समस्या आ गई थी।

उन्होंने अपनी जबरदस्त क्षमता से गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। उन्होंने ‘फन विद नंबर्स ’, ‘एस्ट्रोलॉजी फॉर यू’, ‘पजल्स टू पजल्स यू’ और ‘मैथब्लीट’ जैसी कई पुस्तकें भी लिखी हैं। उनके अंदर पिछली सदी की किसी भी तारीख का दिन क्षण भर में बताने की क्षमता थी। उनके पिता सर्कस में करतब दिखाते थे।

वह महज तीन साल की उम्र में जब अपने पिता के साथ ताश खेल रही थी तभी उनके पिता ने पाया कि उनकी बेटी में मानसिक योग्यता के सवालों को हल करने की क्षमता है। शकुंतला ने छह साल की उम्र में मैसूर विश्वविद्यालय में एक बड़े कार्यक्रम में अपनी गणना क्षमता का प्रदर्शन किया। वर्ष 1977 में शकुंतला ने 201 अंकों की संख्या का 23वां वर्गमूल बिना कागज कलम के निकाल दिया था। (एजेंसी)

First Published: Sunday, April 21, 2013, 20:31

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