Last Updated: Sunday, August 11, 2013, 18:54

लंदन : वैज्ञानिक डीएनए नमूना जुटाने को लेकर फ्लोरेंस के एक मकबरे की खुदाई कर मोनालिसा की पहचान का रहस्य सुलझाने की दिशा में और करीब पहुंच गए हैं जिसकी मुस्कान आज भी एक पहेली है। मकबरे में लीजा गेरारदीनी के परिवार के सदस्य दफन हैं। लीजा एक रेशम व्यापारी की पत्नी है। यह माना जा रहा है कि लियोनार्दो दा विंची ने लीजा को ही अपने सामने बिठा कर 16 वीं सदी की मशहूर पेंटिंग बनाई थी।
बीबीसी की खबर के मुताबिक वैज्ञानिकों ने तहखाने के उपरी फर्श में एक गोलाकार सुराख किया है। मकबरे में मौजूद हड्डियों से एकत्र डीएनए के नमूने की तुलना उन तीन महिलाओं के अस्थि कंकालों से की जाएगी जिन्हें पिछले साल पास के एक स्थान पर दफन पाया गया था। इनमें से एक अस्थि के बारे में माना जा रहा है कि यह लीजा की है। अध्ययनकर्ताओं का मानना है कि कुछ हड्डियां कम से कम उसके रक्त संबंध रखने वाले की होगी शायद उसके बेटे पीयरो के।
अध्ययनकर्ता सिलवानो विंसेटी ने कहा, जब हम मां और संतान के डीएनए का मिलान कर लेंगे तब हम मोनालिसा का पता लगा लेंगे। उन्होंने कहा कि एक बार जब डीएनए मेल हो जाएगा फिर खोपड़ी के आधार पर लीजा के चेहरे की तस्वीर बना ली जाएगी और उसकी तुलना पेंटिंग से की जाएगी।
गौरतलब है कि लीजा अपने पति की मौत के बाद नन बन गई थी। उसकी 63 साल की उम्र में 15 जुलाई 1542 में मौत हो गई थी। (एजेंसी)
First Published: Sunday, August 11, 2013, 18:54