रचनात्मक पेशे से जुड़ी है बीमारियां !

रचनात्मक पेशे से जुड़ी है बीमारियां !

रचनात्मक पेशे से जुड़ी है बीमारियां !लंदन: लेखकों को इस बात पर विशेष रूप से गौर करना चाहिए क्योंकि एक नए अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि रचनात्मक पेशे से जुड़े लोगों को आम जनता की तुलना में मानसिक बीमारियों का अधिक इलाज कराना पड़ता है । इससे लेखन और सिजोफ्रेनिया के बीच संबंध का खुलासा हुआ है ।

स्वीडन के कारोलिन्स्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने बड़े पैमाने पर दस लाख 20 हजार मरीजों और उनके रिश्तेदारों पर किए गए अध्ययन के बाद यह नतीजा निकाला है।

अध्ययन के नतीजों से पता चला है कि कई मानसिक बीमारियां जैसे बायपोलर डिस्आर्डर उन लोगों के पूरे समूह में अधिक फैली हुई है जो कलात्मक या वैज्ञानिक पेशे से ताल्लुक रखते हैं । इनमें नृत्यांगनाएं , शोधकर्ता, फोटोग्राफर और लेखक शामिल हैं ।

इसमें पाया गया है कि लेखकों को सिजोफ्रेनिया , अवसाद , बेचैनी तथा सब्सटेंस अब्यूज की बीमारी अधिक होती है और सामान्य लोगों के मुकाबले लेखकों के आत्महत्या करने की आशंका 50 फीसदी ज्यादा रहती है ।

इसके साथ ही शोधकर्ताओं ने यह भी गौर किया कि सिजोफ्रेनिया, बायपोलर डिस्आर्डर , एनोरेक्सिया नर्वोसा और कुछ हद तक आटिज्म से पीड़ित मरीजों के करीबी रिश्तेदारों में रचनात्मक पेशे से जुड़े लोग अधिक होते हैं ।

डिपार्टमेंट आफ मेडिकल ऐपिडिमोलोजी एंड बायोस्टेटिस्टिक्स के कंसलटेंट सिमोन क्यागा ने बताया कि इस अध्ययन से मानसिक बीमारियों के प्रति अवधारणा को नए सिरे से समझने में मदद मिल सकती है । (एजेंसी)

First Published: Thursday, October 18, 2012, 08:22

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