वक्त से पहले ही ‘पढ़ना’ शुरू कर देते हैं शिशु

वक्त से पहले ही ‘पढ़ना’ शुरू कर देते हैं शिशु

वक्त से पहले ही ‘पढ़ना’ शुरू कर देते हैं शिशु न्यूयार्क : बच्चे मात्र डेढ़ साल की उम्र में यह अंदाजा लगाना सीख जाते हैं कि दूसरे लोगों के दिमाग में क्या चल रहा है।

चीन, फीजी और इक्वाडोर में 19 माह से लेकर पांच साल तक के बच्चों पर किए गए शोध में यह बात सामने आयी है ।

अध्ययन रिपेार्ट के लेखक और यूनिवर्सिटी आफ कैलिफोर्निया में मानव विज्ञानी एच क्लार्क बैरेट ने कहा कि ये आंकड़े हमारी उन सामाजिक क्षमताओं पर और प्रकाश डाल सकते हैं जिनके चलते हम अपने करीबी जीवित संबंधियों यानी चिम्पांजी से खुद को अलग पाते हैं ।

लाइव साइंस में प्रकाशित रिपेार्ट के अनुसार इंसान दूसरे व्यक्ति के दिमाग में चल रहे विचारों, भावनाओं , इच्छाओं को समझने में बेहद दक्ष होता है । इस चीज को समझने के लिए छोटे बच्चों पर ‘फाल्स बिलीफ’ टेस्ट किया गया । इस जांच में एक व्यक्ति कमरे के भीतर आता है और किसी वस्तु को एक छुपाने वाली जगह पर रखता है ।

एक दूसरा व्यक्ति उसके बाद आता है और उस वस्तु को अपनी जेब में रख लेता है । उसे पहले व्यक्ति के बारे में कुछ नहीं पता । इसके बाद कोई बच्चे से पूछता है कि तुम्हें क्या लगता कि पहला व्यक्ति छुपायी गयी चीज को कहां ढूंढेगा?’’ पश्चिमी देशों में चार से सात साल के अधिकर बच्चों का जवाब होता है कि पहला व्यक्ति उस चीज को उसी स्थान पर ढूंढेगा जहां वह छुपाकर गया था क्योंकि उसे नहीं पता कि उसकी चीज उस जगह से हटा दी गयी है ।

लेकिन दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बच्चों द्वारा यह जवाब देने की उम्र अलग अलग होती है । (एजेंसी)

First Published: Wednesday, January 30, 2013, 21:46

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