वैज्ञानिकों ने विकसित किया नया जैविक उत्पाद

वैज्ञानिकों ने विकसित किया नया जैविक उत्पाद

वैज्ञानिकों ने विकसित किया नया जैविक उत्पादकोलकाता : जाधवपुर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि जिंक मिश्रित हाइड्रोऑक्सीएपेटाईट (एचएपी) हड्डियों के निर्माण पर काफी प्रभाव डालता है। इस यौगिक का मूल आधार कैल्शियम फॉस्फेट है।

एचएपी कैल्शियम फॉस्फेट आधारित ऐसा बायोसिरेमिक पदार्थ है, जो मानव हड्डियों और दांतों के अकार्बनिक तत्वों के एक बड़े हिस्से का निर्माण करते हैं। जाधवपुर विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज एंड इंजीनियरिंग के संयुक्त निदेशक अभिजीत चंदा ने बताया कि जिंक कृत्रिम एचएपी के जैविक गुणों में सुधार लाता है। यह इसकी ज्वलनशीलता को कम करता है और इसमें बैक्टीरिया-निरोधी प्रभाव होता है।

चंदा ने कहा कि कृत्रिम जिंक मिश्रित एचएपी बनाते समय वैज्ञानिकों ने साधारण गीली रासायनिक प्रक्रिया का इस्तेमाल किया और पाया कि इसमें पारंपरिक एचएपी की तुलना में काफी ज्यादा दबाव क्षमता और कठोरता भी है। जब इस मिश्रित एचएपी का प्रयोग न्यूजीलैंड के एक खरगोश पर दो माह के लिए किया गया तो पाया गया कि नई हड्डी का निर्माण मिश्रित एचएपी में ज्यादा स्पष्ट होता है।

वैज्ञानिक ने कहा कि हम जानवरों पर इनका परीक्षण कर चुके हैं और अब हम इनका चिकित्सकीय परीक्षण करेंगे। उम्मीद है कि नतीजे अच्छे होंगे। चंदा ने कहा कि यह भी पाया गया कि हड्डियों के साथ जुड़ाव करने के मामले में जिंक युक्त बाइ कैल्शियम फॉस्फेट पारंपरिक सेरेमिक के मुकाबले ज्यादा बेहतर है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, June 11, 2013, 15:00

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