Last Updated: Thursday, November 24, 2011, 12:16
वाशिंगटन : आपने किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सुना है जो शब्दों को चखता हो और रंगों को सुन सकता हो? कुछ लोगों में सिंथेसिया नाम की असामान्य विशेषता होती है जिससे उन्हें कई मानसिक फायदे होते हैं।
यह दावा भारतीय मूल के तंत्र विज्ञानी ने किया है। सिंथेसिया की पहली बार खोज 19वीं सदी में की गई थी। किसी भी व्यक्ति में यह तब होती है जब पांच इंद्रियों के उत्तेजकों में असंबद्धता अनुभव होती है। इस तरह की सबसे आम स्थिति ‘ग्राफी कलर सिंथेसिया’ नाम से जानी जाती है। इससे पीड़ित व्यक्ति प्रत्येक अंक या अक्षर को एक विशेष रंग में देखता है।
हालांकि यह अवस्था दवा के इस्तेमाल, मस्तिष्क क्षति, संवेदक अभाव या सम्मोहन से होती है। अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि आम जनसंख्या में दो से चार प्रतिशत लोग प्राकृतिक रूप से सिंथेसिया से पीड़ित होते हैं। ऐसा देखा गया है सिंथेसिया परिवारों में पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है।
लाइव साइंस के अनुसार सान दियागो स्थित कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय के स्नायुविज्ञानी विलयनूर रामचंद्रन और उसके सहयोगियों ने पाया कि सिंथेसिया से पीड़ित व्यक्तियों में न केवल असंबंधित संवेदनाओं के बीच संबंध अनुभव करते हैं बल्कि उन्हें असंबंधित विचारों के बीच भी संबंध अनुभव होता है जिससे उनमें और रचनात्मकता आती है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, November 24, 2011, 17:46