Last Updated: Monday, November 12, 2012, 13:27

लंदन : सेलफोन का इस्तेमाल करने वाली गर्भवती महिलाओं को सावधान हो जाना चाहिए। एक अध्ययन में पाया गया है कि गर्भावस्था के दौरान सेलफोन से निकले विकिरण बच्चे के मानसिक विकास पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं और इसका नतीजा अतिसक्रियता के रूप में सामने आ सकता है।
येल स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ता डॉक्टर हुग टेलर ने इस अध्ययन का सहलेखन किया है। यह अध्ययन गर्भावस्था के दौरान सेलफोन से निकलने वाले विकिरणों का प्रभाव जानने के लिए किया गया है। टेलर ने कहा कि हमारे पास पिंजरों में गर्भ धारण किए हुए चूहे थे और हमने पिंजरे के उपर सेलफोन रख दिया। आधे पिंजरों में सेलफोन सक्रिय था जबकि आधे पिंजरों पर फोन बंद करके रखा गया था ताकि इससे कोई सिग्नल न निकले।
डेली मेल की खबर के अनुसार, शोधकर्ताओं ने इन चूहों के द्वारा शिशु चूहों के जन्म के बाद उनके बड़े होने तक इंतजार किया। इसके बाद इन चूहों के व्यवहारों को जांचा गया। टेलर ने कहा कि सेलफोन के विकिरण के संपर्क में आए चूहे ज्यादा सक्रिय थे। उनकी याददाश्त कुछ कम थी। ये चूहे दीवारों पर उछलकूद कर रहे थे और दुनिया में उन्हें कुछ परवाह नहीं थी। टेलर ने आगे कहा कि यह अध्ययन दर्शाता है कि सेलफोन के विकिरण का प्रभाव गर्भावस्था के दौरान पड़ने के तर्क का एक ‘जैविक आधार’ है। उन्होंने मरीजों को यंत्रों के साथ थोड़ा सावधान रहने और गर्भावती महिलाओं को अपने शरीर से फोन दूर रखने की सलाह दी।
संयुक्त राष्ट्र टेलीकॉम एजेंसी द्वारा छापे गए हालिया आंकड़ों के अनुसार, दुनिया में जितने निवासी हैं उतने ही सेलफोन भी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की कैंसर शाखा ने 2011 में कहा था कि सेलफोनों के प्रयोग से कैंसर का खतरा है साथ ही उन्होंने इस मामले में ज्यादा शोध की जरूरत भी बताई थी। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 12, 2012, 13:23