सोलर जियो इंजीनियरिंग रोक सकता है आर्कटिक का पिघलना

सोलर जियो इंजीनियरिंग रोक सकता है आर्कटिक का पिघलना

सोलर जियो इंजीनियरिंग रोक सकता है आर्कटिक का पिघलनावाशिंगटन : एक नए अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि आर्कटिक क्षेत्र में बर्फ के पिघलने को सोलर जियो इंजीनियरिंग के जरिए रोका जा सकता है। इसमें क्षेत्र के पूरे इलाकों के तापमान को ठंडा बनाए रखने के प्रयासों की बजाय किसी एक इलाके पर प्रयास केन्द्रित करने पड़ेंगे।

अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि क्षेत्र के अनुसार जियो इंजीनियरिंग प्रयासों और एक नए मॉडल के जरिए सौर विकिरण प्रबंधन की प्रभावी क्षमता को बढ़ाया और इसके दुष्परिणामों को कम किया जा सकता है।

सोलर जियो इंजीनियरिंग में सूरज के प्रकाश को वापस अंतरिक्ष में परावर्तित कर दिया जाएगा। इस इंजीनियरिंग का मकसद ग्रीनहाउस से पैदा हुए वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी को कम करना है।

हार्वर्ड स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड एप्लाइड साइंसेज के प्रायोगिक भौतिकी के प्राध्यापक गार्डन मेके ने कहा कि हमने पाया कि उपयुक्त सोलर जियो इंजीनियरिंग से आर्कटिक क्षेत्र में बर्फ पिघलने की गति को कम किया जा सकता है। इसमें एकसमान विधि के बजाय कई गुना कम सोलर शेडिंग से काम चलाया जा सकता है। (एजेंसी)

First Published: Monday, October 22, 2012, 22:31

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