Last Updated: Sunday, May 27, 2012, 12:27

नई दिल्ली : अब पढ़ाई करना कक्षा की चारदीवारी के अंदर का उबाऊ काम नहीं रहेगा बल्कि इसमें भरपूर मनोरंजन होगा और परस्पर संवाद भी होगा। शिक्षा के क्षेत्र में एक उल्लेखनीय परिवर्तन के तहत अब पढ़ाई नई पीढ़ी की कक्षाओं में तब्दील होने के लिए तैयार है और यह परिवर्तन लाने जा रहे गैजेटनुमा करिश्मे को नाम दिया गया है ‘क्लासपैड’। यह ‘क्लासपैड’ टैबलेट छात्रों को एक साथ बैठ कर पढ़ने और कागजों पर लिखने-पढ़ने के बोझिल कामों से राहत दिलाएगा। इसके साथ ही यह शिक्षकों को पढ़ाने के नतीजों के विश्लेषण में भी मदद करेगा।
क्लासटीचर लर्निंग सिस्टम्स (सीएलएस) के सह संस्थापक और सीईओ रोहित पांडे ने कहा, ‘क्लासपैड छात्रों और शिक्षकों के बीच की दूरी कम करने के लिए तैयार किया गया है। इस दूरी की वजह से लंबे समय से शिक्षा में बाधा आ रही थी। यह एक तरीके से व्यक्तिगत तौर पर शिक्षा है जिसमें प्रत्येक छात्र अपनी व्यक्तिगत मेधा के मुताबिक कक्षा की पढ़ाई में भाग लेगा, उसे समझेगा और अपनी प्रतिक्रिया देगा।’ ‘क्लासपैड’ नामक गैजेट रोहित शर्मा ने ही विकसित किया है। यह गैजेट शिक्षकों को समूह में छात्रों को पढ़ाने के परंपरागत तरीके से आगे जाने में मदद करेगा। इस गैजेट की मदद से शिक्षक व्यक्तिगत तौर पर प्रत्येक छात्र तक पहुंच कर उस पर पूरा ध्यान दे सकेंगे।
क्लासपैड की मदद से शिक्षक कक्षा में कराया जाने वाला काम छात्र तक पहुंचा सकते हैं, छात्र की सामग्री उन तक तत्काल पहुंच सकती है और वह परीक्षा भी ले सकते हैं। पांडे ने कहा, ‘गैजेट में ऐसा सॉफ्टवेअर है जिसकी मदद से छात्र की सवाल हल करने की योग्यता, उसकी रचनात्मकता और भाषायी कौशल की जांच हो सकती है। साथ ही शिक्षक छात्र की सीखने और आत्मसात करने की क्षमता का भी आकलन कर सकते हैं।’ आखिर क्लासपैड किस तरह सरकार द्वारा तैयार कराए गए आकाश टैबलेट से बेहतर है। इस पर पांडे ने कहा, ‘आकाश टैबलेट में जहां हार्डवेयर पर ध्यान केंद्रित किया गया है वहीं क्लासपैड में उसके एप्लीकेशनों पर पूरा ध्यान दिया गया है जिसकी वजह से इसका उपयोग करना अधिक आसान है।’
उन्होंने बताया, ‘इसकी बैटरी सात घंटे चल सकती है। इसकी प्रॉसेसिंग स्पीड 1.3 गीगाहर्ट्ज है और इसकी मेमोरी 4 गीगाबाइट की है जिसे आठ गीगाबाइट तक विस्तारित किया जा सकता है।’ पांडे के अनुसार, क्लासपैड में ‘इन बिल्ट इन्टेलिजेन्स फैसिलिटी’ के कारण छात्रों को तेजी से सीखने वाले, मध्यम गति से सीखने वाले और धीमी गति से सीखने वाले छात्रों की श्रेणी में रखने में मदद मिल सकती है। तीसरी कक्षा से बारहवीं कक्षा तक के छात्र ज्यादा बेहतर पढ़ाई के लिए इस गैजेट का उपयोग कर सकते हैं। (एजेंसी)
First Published: Sunday, May 27, 2012, 12:27