Last Updated: Monday, April 1, 2013, 09:01
बीजिंग : तिब्बत की निर्वासित सरकार ने आरोप लगाया है कि तिब्बत में सोने की एक खान को अपनी चपेट में लेने वाले भूस्खलन की घटना अत्यधिक मात्रा में खनिज निकाले जाने का परिणाम है। बचावकर्मियों ने मलबे में दबे 83 खनिकों में 17 के शव बरामद कर लिए हैं।
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक ल्हासा से करीब 68 किलोमीटर दूर मैझोकुंग्गर काउंटी में दो दिन पहले हुए भूस्खलन की घटना के बाद आज 15 और शव बरामद किये गए। अब तक कुल 17 शव मिले हैं। शिन्हुआ के मुताबिक 66 शव अभी भी नहीं मिल पाए हैं।
इस बीच, धर्मशाला आधारित तिब्बती सरकार ने आरोप लगाया है कि यह घटना चीन द्वारा गयामा घाटी में अत्यधिक मात्रा में खनिज निकाले जाने से हुई होगी। यह प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि कृत्रिम आपदा है।
मीडिया को मुहैया कराए गए बयान में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की प्रेस इकाई ने कहा है कि चीन के अगले 10 साल में सबसे बड़ा तांबा उत्पादक देश बनने की संभावना है। गौरतलब है कि शुक्रवार को जियामा कॉपर पॉलीमेटालिक खान के 83 श्रमिक भूस्खलन के चलते मलबे में दब गए थे। (एजेंसी)
First Published: Monday, April 1, 2013, 09:01