Last Updated: Wednesday, June 27, 2012, 23:11

लाहौर : पाकिस्तान की एक अदालत ने आज राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के राजनीतिक गतिविधियों से दूरी बनाने के लिए पांच सितंबर की समय सीमा तय कर दी और आगाह किया कि यदि वह ऐसा करने में विफल रहे तो उन्हें नतीजे भुगतने होंगे।
लाहौर उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने राष्ट्रपति से सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी का अध्यक्ष पद त्यागने को भी कहा है।
पीठ द्वारा मंगलवार शाम को दिये संक्षिप्त आदेश में कहा गया कि राष्ट्रपति यदि उच्च न्यायालय के पिछले साल दिये गये आदेश का पालन करने में विफल रहे तो अदालत उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू कर सकती है। पिछले साल दिये आदेश में उनसे कहा गया कि वह पांच सितंबर तक राष्ट्रपति भवन में राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होना त्याग दें।
मुख्य न्यायाधीश बंदियाल ने कहा कि इस मुद्दे का संवैधानिक महत्व है तथा अदालत का आदेश संविधान के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि अदालत ने राष्ट्रपति को पीपीपी के सह अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने और राष्ट्रपति भवन में सभी राजनीतिक गतिविधियों को त्यागने के लिए पर्याप्त समय दिया। पीठ ने जरदारी के खिलाफ दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान ये निर्देश दिए।
इन याचिकाओं में जरदारी के खिलाफ सत्तारुढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रमुख के राजनैतिक कार्यालय से इस्तीफा नहीं देने का मामला उठाया गया था। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 27, 2012, 23:11