Last Updated: Monday, November 21, 2011, 07:53
इस्लामाबाद : अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत हुसैन हक्कानी अपने इस बयान पर डटे हुए हैं कि उनका पूर्व अमेरिकी सेना प्रमुख एडमिरल माइक मुलेन को भेजे गए विवादास्पद ज्ञापन से कोई लेना देना नहीं है। इस बारे में कहा जा रहा है कि यह सेना की बगावत की आशंका में और उसे रोकने में अमेरिका की मदद पाने के मकसद से भेजा गया था।
हक्कानी ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ राष्ट्रपति आवास में रविवार हुई दो अनौपचारिक बैठकों के दौरान अपनी स्थिति बता दी है । डान समाचार पत्र ने राष्ट्रपति के करीबी सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है। दोनों के बीच हुई इस मुलाकात के संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर ने कहा कि रविवार होने के नाते किसी आधिकारिक बैठक का कार्यक्रम नहीं था। ऐसी संभावना है कि हक्कानी आज राष्ट्रपति आवास में औपचारिक बैठक के दौरान अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे।
इस बैठक में जरदारी, प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी , सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कियानी तथा आईएसआई प्रमुख मेजर जनरल शुजा पाशा भाग लेंगे। सरकार द्वारा वापस बुलाए जाने के बाद कल सुबह इस्लामाबाद पहुंचे राजदूत हक्कानी ने कल सशस्त्र बलों और विदेश विभाग के कुछ अधिकारियों के साथ अनौपचारिक बैठकें की थीं। बताया जाता है कि कल जरदारी के साथ बैठकों के दौरान हक्कानी ने ज्ञापन से जुड़े घटनाक्रम में अपनी स्थिति पेश की। इस ज्ञापन ने पाकिस्तान के राजनीतिक और राजनयिक हलकों में सनसनी फैला दी थी। डान ने एक सू़त्र के हवाले से कहा, ‘मुझे लगता है कि समस्या सुलझा ली गई है तथा कुछ एक दिन में ब्यौरा सार्वजनिक किया जाएगा।’
बैठकों से पूर्व ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि हक्कानी अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। हक्कानी पहले ही कह चुके थे कि यदि जरदारी यह कदम उठाने के लिए उनसे कहते हैं तो वह इस्तीफा दे सकते हैं। हक्कानी के बचाव में यही बात प्रमुख थी कि ज्ञापन पर किसी के ‘हस्ताक्षर’ नहीं हैं और न ही किसी ने इसका अनुमोदन किया हुआ है।
जरदारी का ऐसा मानना है कि हक्कानी इस प्रकार की राष्ट्रविरोधी गतिविधि में शामिल नहीं हो सकते। राष्ट्रपति द्वारा इस मामले की जांच के आदेश दिए जाने की संभावना है कि किसने यह ज्ञापन लिखा और किसकी बिनाह पर। पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी कारोबारी मंसूर एजाज ने दावा किया था कि उन्होंने हक्कानी के निर्देश पर ज्ञापन का मसौदा तैयार किया था और इसे किसी बिचौलियों के जरिए मुलेन तक पहुंचाया।
(एजेंसी)
First Published: Monday, November 21, 2011, 13:23