Last Updated: Tuesday, April 17, 2012, 14:21
इस्लामाबाद : पाकिस्तान का सुरक्षा तंत्र देश के कबायली इलाकों के बाशिंदों का यकीन जीतने और अफगानिस्तान में युद्ध की स्थिति को खत्म करने के प्रयास के तहत अमेरिका एवं नाटो के साथ सहयोग करने में संतुलन बनाने का प्रयास कर रहा है।
अफगानिस्तान में समस्याओं के अंतिम समाधान के प्रयास में किसी तरह की जल्दबाजी से पाकिस्तानी कबायली देश के सुरक्षा तंत्र के खिलाफ हो सकते हैं और कबायली क्षेत्र में युद्ध की स्थिति की आशंका पैदा हो जाएगी।
यहां के सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान एवं नाटो के बीच सिर्फ हवाई हमले को लेकर नहीं, बल्कि अफगानिस्तान में युद्ध की स्थिति की समाप्ति एवं समस्याओं के समाधान की समयसीमा को लेकर भी मतभेद है।
पाकिस्तान एक दीर्घकालीन योजना को लेकर आगे बढ़ रहा है और अफगानिस्तान पर समयसीमा को लेकर नाटो के साथ उसके मतभेद हैं। अधिकारियों का कहना है कि ऐसी स्थिति में किसी तरह की जल्दबाजी से पश्चिमोत्तर पाकिस्तान के कबायली इस्लामाबाद के खिलाफ खड़े हो सकते हैं।
पाकिस्तान के एक अधिकारी ने भारतीय पत्रकारों से मुलाकात के दौरान कहा, हमें अपने साथ जनमानस को लेकर चलने की जरूरत है। बीते साल नवंबर में नाटो के हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने के बाद पाकिस्तान-अमेरिका रिश्तों में काफी कड़वाहट आ गई थी। इसके अलावा सीआईए कांट्रैक्टर की गिरफ्तारी और ओसामा बिन लादेन के खिलाफ कार्रवाई ने भी दोनों देशों के बीच दूरियां पैदा कीं।
रिश्तों में आई तल्खी के कारण अफगानिस्तान को लेकर अमेरिका और पाकिस्तान के बीच सहयोग भी प्रभावित हुआ। हाल ही में संपन्न पाकिस्तानी संसद के संयुक्त सत्र में अमेरिका के साथ रिश्तों और विदेश नीति को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसमें कई शर्तों के साथ रिश्ते को आगे बढ़ाने की बात की गई है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 17, 2012, 19:51