अफगान के बारे अपनी चिंता भारत ने बताया यूएस को

अफगान के बारे अपनी चिंता भारत ने बताया यूएस को

वाशिंगटन : भारतीय सांसदों के एक शिष्टमंडल ने 2014 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों के हटाए जाने की बाद की सुरक्षा स्थिति से जुड़ी भारत की चिंताओं से अमेरिका को अवगत कराया है। बीजू जनता दल के नेता बैजयंत ‘जय’ पांडा ने अमेरिकी विदेश विभाग और रक्षा विभाग पेंटागन के अधिकारियों से मिलने के बाद बताया, ‘‘हमारी एक चिंता यह है कि अमेरिका ने अपने सैनिक हटाने शुरू कर दिए हैं, वहां फिर से अव्यवस्था आ जाएगी जैसा कि 15-20 साल पहले थी और इसका प्रभाव क्षेत्र में पड़ोसी देशों के साथ हमारे संबंधों पर पड़ेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विदेश विभाग और पेंटागन में हमारी बैठक में हमने यह महसूस किया कि पिछले एक दशक में काफी प्रगति हुई है।’’ भारतीय सांसदों के शिष्टमंडल को शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि अमेरिका किसी भी सूरत में अफगानिस्तान को आतंकवादियों की दोबारा पनाहगाह नहीं बनने देगा।

पांडा ने कहा कि अमेरिका और भारत आपस में काफी सहयोग कर रहे हैं और उनके हित अफगानिस्तान और पाकिस्तान सहित दक्षिण एशिया में एक जैसे हैं। पांडा ने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान के बुनियादी ढांचे का पुननिर्माण करने में और सुरक्षाकर्मियों के प्रशिक्षण में बहुत अहम भूमिका निभाई है। ‘भारत-अमेरिका फोरम्स ऑफ पार्लियामेंटेरियंस ऑफ द फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री’ के बैनर तले सात सांसदों ने उप विदेश मंत्री विलियम बर्न्सक और उप रक्षा मंत्री एस्टन कार्टर से मुलाकात की।

उन्होंने व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के अधिकारियों से भी मुलाकात की। बोस्टन की यात्रा करने से पहले शिष्टमंडल के यहां सांसदों और प्रभावी थिंक टैंक के सदस्यों से भी मुलाकात करने की योजना है।

शिष्टमंडल के अन्य सदस्यों में सुप्रिया सुले (राकांपा), भक्त चरण दास (कांग्रेस) उदय सिंह (भाजपा), प्रताप सिंह बाजवा (कांग्रेस) मनिका टैगोर (कांग्रेस) और प्रेम दास राय (सिक्किम डेमोकेट्रिक फ्रंट) शामिल हैं।

कांग्रेस नेता भक्त चरण दास ने बताया कि उन्होंने सेना, अंतरिक्ष और उर्जा सहयोग, शिक्षा साझेदारी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। उदय सिंह ने कहा कि आने वाले वषरें में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग एक बड़ा क्षेत्र होगा। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, June 4, 2013, 14:02

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