Last Updated: Tuesday, February 5, 2013, 00:38

लंदन : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ बातचीत की पृष्ठभूमि में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के राष्ट्राध्यक्षों हामिद करजई तथा आसिफ अली जरदारी ने शांतिपूर्ण समाधान को हासिल करने के लिए छह महीने की समयसीमा तय की है।
बातचीत के बाद जारी साझा बयान में कहा गया, ‘‘सभी पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं और शांतिपूर्ण समाधान का लक्ष्य छह महीने के भीतर हासिल करने के लिए सभी ने जरूरी कदम उठाने की प्रतिबद्धता जताई है।’’ इस उच्च स्तरीय शांति वार्ता के बाद कैमरन ने तालिबान का आह्वान किया कि वे शांति प्रक्रिया का हिस्सा बनें।
जरदारी ने कहा, ‘‘तालिबान को शामिल करके होने वाली बातचीत में पाकिस्तान पूरा सहयोग देगा। अफगानिस्तान में शांति पाकिस्तान में शांति है। हमारा मानना है कि हम मिलकर अस्तित्व में रह सकते हैं। हम अपना पड़ोस या पड़ोसी नहीं बदल सकते।’’ करजई ने उम्मीद जताई कि भविष्य में पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान के रिश्ते नजदीकी, भाईचारे और अच्छे पड़ोसियों वाले होंगे।
कैमरन, जरदारी तथा करजई ने 2014 में विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद की स्थिति पर वार्ता की। इसमें शांति प्रक्रिया को जारी रखने और तालिबानी बगावत को रोकने के उपायों पर विचार किया गया।
करजई और जरदारी के साथ बैठक के बाद कैमरन ने कतर की राजधानी दोहा में एक कार्यालय खोलने का ऐलान किया जहां तालिबान एवं अफगान शीर्ष शांति परिषद के बीच चर्चा की जाएगी। कैमरन ने त्रिपक्षीय वार्ता को ‘अप्रत्याशित स्तर का सहयोग’ करार देते हुए कहा, ‘‘अब अफगानिस्तान में शांतिपूर्ण, राजनीति प्रक्रिया में सभी पक्षों के भाग लेने का समय आ गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रकिया ऐसे भविष्य की ओर जानी चाहिए जहां सभी अफगान शांतिपूर्ण ढंग से देश की राजनीतिक प्रक्रिया में हिस्सा ले सकें।’’ पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों ने कहा कि वे मार्च की शुरुआत में अफगान एवं पाकिस्तानी उलेमाओं के संयुक्त सम्मेलन को लेकर उत्सुक हैं।
इस वार्ता में विदेश मंत्री, सेना प्रमुख, खुफिया एजेंसी प्रमुख और अफगान शीर्ष शांति परिषद के प्रमुख शामिल हुए। नाटो के सैनिक अगले साल के आखिर में अफगानिस्तान छोड़ने वाले हैं। त्रिपक्षीय वार्ता का पहला और दूसरा चरण बीते साल काबुल एवं न्यूयार्क में हुआ था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 5, 2013, 00:38