Last Updated: Sunday, September 25, 2011, 03:42
नई दिल्ली. अब तक दुनिया भर के बाजार में छाए रहने वाला चीनी माल से भारत मुकाबला करने को तैयार है. चीन के बाजार में भारत में निर्मित सामानों की भी बिक्री होगी.
भारत समेत तमाम देश चीन से बढ़ते आयात को लेकर वहां की सरकारें परेशान भी होती रही है. लेकिन अब भारत सरकार इस मुसीबत का तोड़ निकालने में जुट गई है. सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि सरकार एक ऐसी पॉलिसी बना रही है जिससे चीन में भारतीय सामान का निर्यात तेजी से बढ़ेगा.
शुरूआती प्रस्ताव के मुताबिक फोकस मार्केट स्कीम का दायरा बढ़ाते हुए चीन को निर्यात होने वाले प्रोडक्ट्स पर ड्यूटी में कुछ ज्यादा रियायत दी जा सकती है. भारत से चीन को किए जाने वाले निर्यात में आईटी, फाइनेंशियल सर्विसेज और टूरिज्म सर्विसेज पर खासा तवज्जो दिया जाएगा.
पिछले 6 सालों के दौरान चीन से भारत को होने वाला आयात बढ़कर 41 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच चुका है. जबकी निर्यात, इसके मुकाबले काफी कम है. ऐसे में भारत का व्यापार घाटा बढ़ता जा रहा है. और सरकार इसी से निपटने के लिए कदम उठाने की तैयारी में है.
चीन में सर्विस सेक्टर के एक्सपोर्ट को बढ़ावा दिया जाएगा. आईटीए फाइनेंशियल सर्विसेज, टूरिज्म सर्विसेज, कंस्ट्रक्शन और कंसल्टेंसी सर्विसेज पर जोर होगा. खासकर आईटी सेक्टर की चीन की सरकारी कंपनियों के साथ सरकारी स्तर पर समझौते किए जा सकते हैं. चीन से जुड़ी तकनीक और नीतियों की जानकारी देने के लिए चाइना सेंटर खोला जा सकता है.
(एजेंसी)
First Published: Sunday, September 25, 2011, 09:12