Last Updated: Monday, September 17, 2012, 00:23
वाशिंगटन : इस्लाम विरोधी फिल्म को लेकर अरब जगत में चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर अमेरिका ने ट्यूनीशिया एवं सूडान स्थित अपने दूतावासों के कुछ गैर-जरूरी कर्मचारियों से लौटने के लिए कहा है। इस बीच, अलकायदा ने नए सिरे से हमले की धमकी दी है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने ट्यूनीशिया और सूडान के दौरे को लेकर नए सिरे से चेतावनी जारी की है। उसने अमेरिकी नागरिकों से कहा कि वे इन देशों का दौरा करने से परहेज करें। उधर, अमेरिका को अपने दूतावासों की सुरक्षा के लिए मैरीन भेजने के कदम पर खाड़ी देशों से विरोध का सामना करना पड़ रहा है। अरब प्रायद्वीप स्थित अलकायदा (एक्यूएपी) ने कल एक बयान जारी कर लीबिया के बेनगाजी स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पर भीड़ के हमले की सराहना की।
मंगलवार की रात हुए इस हमले में लीबिया स्थित अमेरिकी राजनयिक क्रिस स्टीवन्स सहित चार अमेरिकी मारे गए थे। अलकायदा का बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अमेरिकियों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कठघरे में लाने का प्रण किया है।
वाशिंगटन स्थित इंटेलसेंटर के अनुसार एक्यूएपी ने अपने बयान में कहा कि स्टीवन्स की जान लेने वाली घटना ‘एक बड़ी’ घटना है और ‘मुस्लिम देशों से अमेरिकी दूतावासों को बाहर निकाल फेंकने’ के प्रयास किए जाने चाहिए। एक्यूएपी ने बयान में कहा कि और प्रदर्शन किए जाने चाहिए तथा ‘इन दूतावासों को उसी तरह आग लगा देनी चाहिए जैसा कि हमारे लोगों ने मिस्र और यमन में किया।’ इसने पश्चिम में रहने वाले मुसलमानों से कहा कि वे ठिकानों तक अपनी आसान पहुंच होने के कारण नए हमले करें ।
इंटेलसेंटर के अनुसार बयान का अंत मारे गए अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के इन शब्दों के साथ होता है कि ‘जवाब वह है जो आप देखते हैं, न कि वह जो आप सुनते हैं।’ ओसामा इन शब्दों का इस्तेमाल आगामी हमलों को लेकर किया करता था। इस बीच, अमेरिकी विदेश विभाग ने अमेरिका विरोधी प्रदर्शनों के चलते ट्यूनीशिया और सूडान को लेकर नयी यात्रा चेतावनी जारी की है। उसने अमेरिकी नागरिकों को सलाह दी है कि वे इन देशों की यात्रा करने से बचें।
अमेरिका ने इसके अतिरिक्त सूडान के खारतूम और ट्यूनीशिया के ट्यूनिश स्थित अपने दूतावासों में कार्यरत गैर जरूरी कर्मियों तथा उनके रिश्तेदारों को इन देशों को छोड़ने का आदेश दिया है। (एजेंसी)
First Published: Monday, September 17, 2012, 00:23