Last Updated: Thursday, May 24, 2012, 20:07

इस्लामाबाद : प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को राहत देते हुए पाकिस्तान की संसद की अध्यक्ष ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए गए गिलानी को अयोग्य घोषित करने से मना कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले को दोबारा नहीं खोलने के सिलसिले में गिलानी को दोषी करार दिया था।
संसद के नीचले सदन या नेशनल एसेंबली की अध्यक्ष फहमिदा मिर्जा ने कहा कि उन्होंने 59 वर्षीय गिलानी को अयोग्य घोषित करने के लिए चुनाव आयोग को कोई भी सिफारिश नहीं भेजने का निर्णय लिया है। पांच पन्नों के फैसले में मिर्जा ने कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर गिलानी को अयोग्य घोषित करने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। गौरतलब है कि मिर्जा पाकिस्तान के सत्तारूढ़ दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की सदस्य हैं।
मिर्जा ने सुप्रीम कोर्ट के सहायक रजिस्ट्रार द्वारा जिस तरह से प्रधानमंत्री के खिलाफ फैसले को नेशनल एसेंबली में पेश किया गया और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई उसपर आपत्ति जताई है। फैसले में मिर्जा ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी द्वारा जो पत्र भेजा गया है वह उचित नहीं है और वह संसद के नियमों तथा परंपराओं के खिलाफ है।
अध्यक्ष ने मामले को चुनाव आयोग के पास नहीं भेजने के लिए अदालत के कई फैसलों का हवाला देकर अपने निर्णय का समर्थन किया । सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति जरदारी के खिलाफ स्विटजरलैंड में भ्रष्टाचार के मुकदमे को दोबारा शुरू करने से इंकार करने के मामले में 26 अप्रैल को गिलानी को दोषी ठहराया था और उन्हें एक मिनट से भी कम की सांकेतिक सजा सुनाई थी।
सरकार हमेशा इस बात पर कायम रही कि वह राष्ट्रपति के खिलाफ देश या विदेश में कहीं कार्रवाई नहीं करेगी क्योंकि उन्हें :राष्ट्रपति: को छूट मिली हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने बाद में कहा था कि उसके फैसले के कारण प्रधानमंत्री को अयोग्य भी ठहराया जा सकता है। गिलानी को फैसले के खिलाफ 30 दिन के भीतर अपील करने का अधिकार है और उनके वकील एइतजाज अहसान शनिवार को अपील करेंगे। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 24, 2012, 20:07