Last Updated: Wednesday, May 9, 2012, 05:34
वाशिंगटन : अरब प्रायद्वीप में यमन स्थित अलकायदा के आतंकी नेताओं द्वारा अमेरिकी विमान को उड़ाने की साजिश में शामिल किया गया आत्मघाती बम हमलावर वास्तव में एक डबल एजेंट था जो सउदी खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रहा था। एक मीडिया रिपोर्ट में यह बात कही गयी है।
पिछले महीने इस साजिश के बारे में पता चला था। सोमवार को इससे संबंधित सूचना सार्वजनिक की गयी। इससे पहले अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने बताया था कि इस हमले के लिए जिस बम का प्रयोग किया जाना था वह 2009 में पकड़े गये अंडरवियर बम हमलावर के पास मिले बम की तरह का था।
न्यूयार्क टाइम्स की खबर के अनुसार, एक बेहतरीन खुफिया अभियान के तहत यह डबल एजेंट पिछले महीने यमन से निकला। उसने सीआईए, सउदी इंटेलिजेंस और मित्र देशों की विदेशी खुफिया एजेंसियों को विमान में रखे जाने वाले बम, आतंकी समूह के नेताओं, ठिकानों, तरीकों और योजनाओं की अंदरूनी सूचनाएं दीं। खबर के अनुसार उसने अलकायदा के साथ हफ्तों तक रहने के बाद उसने सीआईए को महत्वपूर्ण सूचनाएं दी जिसकी मदद से सीआईए ने रविवार को ड्रोन हमलों के निर्देश दिए। इन हमलों में अलकायदा के विदेशी अभियानों के निदेशक फहद मोहम्मद अहमद अल कूसो की मौत हो गयी।
एजेंट ने वह बम भी एफबीआई को सौंप दिया, जिसका एफबीआई वजीर्निया स्थित अपनी प्रयोगशाला में विश्लेषण कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार यह डबल एजेंट सउदी अरब में सुरक्षित है।
अमेरिकी राष्ट्रपति के मुख्य आतंक निरोधी सलाहकार जॉन ब्रैनेन ने कहा कि इस तरह की साजिशों का पता लगाने के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं । उन्होंने कहा, हम पिछले कई सालों से इस तरह का सहयोग कर रहे हैं। हमने अपने यमनी सहयोगियों के साथ काम किया क्योंकि अलकायदा हमारे लिए गंभीर खतरा बना हुआ है।
ब्रैनेन ने कहा, खुफिया सूचनाओं के चलते हम इन आईईडी बमों को विमान या किसी हवाई अड्डे पर रखे जाने से पहले कार्रवाई करने में सफल रहे। ब्रैसनेन ने कहा, एफबीआई अब इन आईईडी का विश्लेषण कर रही है। हमें इससे जो भी जानकारी मिलेगी उसका प्रयोग हम हवाई अड्डों और दूसरी महत्वपूर्ण जगहों पर इस तरह के बम हमलों की रोकथाम के बेहतर तरीके अपनाने के लिए करेंगे।
हाउस इंटेलिजेंस कमिटी के अध्यक्ष माइक रोजर्स ने कहा कि यह बम अमेरिकी हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने वाले किसी विमान में रखे जाने की योजना थी। रोजर्स ने कहा, हमने अपने मित्रों के साथ सहयोग कर इस बम हमले की जानकारी प्राप्त की। अब इस बम की जांच कर यह पता लगाया जा रहा है कि 2009 में हमलों के लिए प्रयोग में लाने गए बम हमलावर तथा इस बम हमले में उन्होंने क्या बदलाव किए हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 9, 2012, 12:30