Last Updated: Tuesday, August 28, 2012, 23:20

तेहरान : भारत सरकार ने पाया है कि पूर्वोत्तर के लोगों के पलायन के संबंध में मुस्लिमों को भड़काने वाली करीब 30 फीसदी छेड़छाड़ की गईं तस्वीरों तथा भड़काऊ वीडियो को पाकिस्तान में अपलोड किया गया और इसमें से कुछ की पहचान नहीं हो पाई है। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी।
शीर्ष सरकारी सूत्रों ने यह भी कहा है कि एक साइबर सुरक्षा समन्वयक की नियुक्ति के अलावा भारत साइबर अपराध में संलिप्त लोगों की पहचान और उनको सजा दिलाने के लिए कठोर अंतरराष्ट्रीय साइबर सुरक्षा कानून तैयार किए जाने पर भी जोर देगा।
उन्होंने कहा, 26 से 28 प्रतिशत सामग्री पाकिस्तान में अपलोड की गई। उनमें से सभी की पहचान करना कठिन है लेकिन हमारे पास इसमें शामिल कुछ लोगों के बारे में जानकारी है।
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन से इतर भेंट में क्या प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह यह मुद्दा उठाएंगे, यह सवाल पूछे जाने पर सूत्रों ने यह स्पष्ट नहीं बताया कि पाकिस्तानी नेता के साथ इस पर चर्चा होगी या नहीं।
सैकड़ों बेबसाइट पर छेड़छाड़ की गई तस्वीरें और भड़काऊ वीडियो अपलोड होने के बाद अफवाह फैल गई। इसमें गलत तरीके से बताया गया था कि असम में बोडो और मुस्लिमों के बीच झड़पों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हुआ। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 28, 2012, 23:20