Last Updated: Monday, December 19, 2011, 16:45
इस्लामाबाद : मेमोगेट कांड के कारण पाकिस्तान की सरकार और सेना के बीच उभरे तनाव के बीच प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने सोमवार को कहा कि देश में सैन्य शासन लागू नहीं होगा क्योंकि कोई उसे स्वीकार नहीं करेगा। नेशनल असेंबली में गिलानी ने कहा कि देश में सैन्य सत्ता सिविल सोसायटी, मीडिया समेत सभी के लिए अस्वीकार्य होगी, यह विदेशों में भी स्वीकार नहीं की जाएगी।
गिलानी ने सदन में नेता प्रतिपक्ष चौधरी निसार अली खान की ओर से उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर सिलसिलेवार जवाब देते हुए कहा कि हमें ऐसा कोई मौका नहीं देना (किसी को भी) चाहिए जो लोकतंत्र को पटरी से उतार दे। उन्होंने विपक्ष के नेता और पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ की ओर से लोकतंत्र का समर्थन किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। गिलानी ने कहा कि लोकतंत्र देश के लिए एक मात्र रास्ता है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सत्ता में कौन है।
उन्होंने कहा कि देश में राजनीतिक दलों द्वारा तमाम बलिदान करने के बाद लोकतंत्र की स्थापना हुई है और लोग इसके लिए हमेशा संघर्ष करते रहेंगे।कई सांसदों के साथ एक अन्य बैठक में गिलानी ने कहा कि लोकतंत्र के सामने खड़ी चुनौतियां बगैर किसी विलंब के जल्द ही दूर हो जाएंगी। सांसदों ने मेमोगेट कांड के बाद राजनीतिक स्थिति को संभालने के लिए गिलानी को बधाई दी।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 20, 2011, 00:03