Last Updated: Saturday, November 12, 2011, 08:06
माले: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत और मालदीव चरमपंथ और धार्मिक कट्टरपंथ जैसी साझा चुनौतियों का सामना कर रहे हैं । दोनों देश इन समस्याओं से निपटने के लिए बहुआयामी रुख विकसित करने पर सहमत हुए हैं ।
किसी भी मेहमान को मिलने वाले एक दुर्लभ सम्मान के तहत प्रधानमंत्री ने शनिवार को देश की संसद पीपुल्स मजलिस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत और मालदीव की सुरक्षा हिंद महासागर में होने वाली गतिविधियों से बहुत हद तक जुड़ी हुई हैं।
मालदीव के सांसदों ने खड़े होकर मनमोहन का अभिवादन किया। मनमोहन किसी सरकार के पहले ऐसे प्रमुख हैं, जिन्होंने 2009 के संसदीय चुनाव के बाद बनी बहुदलीय मजलिस को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ‘हम जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उनके बारे में सभी को पता है, उनमें से कुछ चरमपंथ, धार्मिक कट्टरपंथ, दस्यु, तस्करी और मादक पदाथोर्ं की तस्करी जैसी चुनौतियां हैं।’
प्रधानमंत्री के इस संबोधन को 75 सदस्यीय सदन की ओर से खासी प्रतिक्रिया मिली। देश में राष्ट्रपति मोहम्मद नाशिद की मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी सत्ताधारी गठबंधन की अगुवा पार्टी है।
मनमोहन ने कहा, ‘हमारे दोनों देश, इन समस्याओं से निपटने के लिए एक बहुआयामी रुख विकसित करने पर सहमत हुए हैं। मालदीव में दक्षता निर्माण के लिए भारत एक नेशनल पुलिस एकैडमी के निर्माण में सहयोग देगा।’
उन्होंने सांसदों से कहा कि भारत और मालदीव ने आतंकवाद, मादक पदाथरें की तस्करी, आपदा प्रबंधन, तटीय सुरक्षा और सजा काट रहे लोगों के स्थानांतरण के लिए द्विपक्षीय तौर पर समझौता किया है। इससे कानून नियमन और दूतावास संबंधी मामलों में सहयोग का खाका मजबूत होगा।
मनमोहन ने कहा कि क्षेत्रीय स्तर पर दोनों देशों को नौसेना संबंधी जागरुकता और निगरानी बढ़ाने के लिए अपना सहयोग बढ़ाना चाहिए।
मनमोहन ने कहा, ‘हमें हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोगात्मक सुरक्षा खाका तैयार करने के लिए सूचनाओं को और बेहतर तरीके से साझा करना चाहिए और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की संख्या भी बढ़ानी चाहिए ।’
साल 1965 में स्वतंत्रता मिलने के बाद से मालदीव के प्रभावी कदमों की प्रशंसा करते हुए मनमोहन ने कहा कि एक दोस्त होने के नाते भारत हमेशा इन प्रयासों में मालदीव के साथ खड़ा रहेगा।
उन्होंने कहा, ‘हमारे संबंध समय की कसौटियों पर खरे उतरे हैं और मैं कामना करता हूं कि ये भविष्य में भी ऐसे ही रहें ।’
(एजेंसी)
First Published: Saturday, November 12, 2011, 13:36