इंडो अमेरिकन को रिझाने में जुटे ओबामा और रोमनी

इंडो अमेरिकन को रिझाने में जुटे ओबामा और रोमनी

इंडो अमेरिकन को रिझाने में जुटे ओबामा और रोमनीवाशिंगटन : अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव में इस बार कांटे की टक्कर है और एक-एक वोट बेहद कीमती है। ऐसे में राष्ट्रपति बराक ओबामा तथा उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी मिट रोमनी, दोनों ने ही भारतीय मूल के अमेरिकी समुदाय को अपनी-अपनी नीतियों और कार्यक्रमों से रिझाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं।

ताजा जनगणना के अनुसार, अमेरिका में भारतीय लोगों की आबादी 30 लाख से अधिक है और ओबामा तथा रोमनी के चुनाव प्रचार अभियान दलों ने स्थानीय भारतीय-अमेरिकी समुदाय से संबंधित समाचारपत्रों में पूरे-पूरे पन्नों के विज्ञापन दिए हैं। ओबामा के प्रचार अभियान दल ने हिंदी भाषी लोगों को लेकर विशेष प्रकार के विज्ञापन तैयार करवाए हैं जिनका वितरण ईमेल या प्रकाशित विज्ञापनों के रूप में किया जा रहा है।

ग्रेटर वाशिंगटन इलाके से प्रकाशित होने वाले ‘इंडिया दिस वीक’ और ‘एक्सप्रेस इंडिया’ में ओबामा के अभियान दल द्वारा प्रकाशित विज्ञापन में कहा गया है, ‘बराक ओबामा केवल हमारे राष्ट्रपति नहीं हैं बल्कि वह हम सभी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।’ वाशिंगटन, मैरीलैंड और वर्जीनिया में भारतीय समुदाय के लोगों की आबादी सर्वाधिक है। वर्ष 2010 की जनगणना के अनुसार इस इलाके में एक लाख 25 हजार से अधिक भारतीय अमेरिकी रहते हैं।

उधर, वेस्ट कोस्ट से प्रकाशित होने वाले भारतीय-अमेरिकी समाचारपत्र इंडिया वेस्ट में मिट रोमनी के समर्थकों ने एक पूरे पन्ने का विज्ञापन प्रकाशित किया है। यह विज्ञापन कहता है, ‘काम को तैयार है। अमेरिका के लिए बेहतर दृष्टिकोण। राष्ट्रपति पद के लिए मिट रोमनी को वोट दें।’ इसी प्रकार नेशनल एशियन अमेरिकन्स ने इंडिया एब्रोड दैनिक में पूरे पन्ने का विज्ञापन प्रकाशित करवाया है । यह अमेरिका में भारतीय अमेरिकी समुदाय का सर्वाधिक प्रसार संख्या वाला और सर्वाधिक प्रतिष्ठित दैनिक है।

ओबामा को एशियाई-अमेरिकी समुदाय के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाने वाला पहला अमेरिकी राष्ट्रपति बताते हुए नेशनल एशियन अमेरिकन पीएसी ने भारतीय अमेरिकी समुदाय से ओबामा के पक्ष में वोट दिए जाने की अपील की है। हिन्दी में दिए गए विज्ञापन में ओबामा के प्रचार अभियान दल ने एशियाई-अमेरिकी समुदाय के प्रति ओबामा प्रशासन की उपलब्धियों का जिक्र किया गया है और रोमनी तथा उनकी नीतियों की आलोचना की गयी है। हिन्दी के पचरे में तर्क दिया गया है कि ओबामा ने देश में सबसे अधिक संख्या में एशियाई-अमेरिकी संघीय जजों की नियुक्ति की।

ओबामा ने सर्वाधिक चार एशियाई अमेरिकी कैबिनेट सदस्यों को नियुक्त किया जिनमें स्टीवन च्यू (ऊर्जा मंत्री), गैरी लोके (पूर्व वाणिज्य मंत्री), एरिक शिनसेकी (वेटरन मामलों के मंत्री) तथा क्रिस लू (कैबिनेट मंत्री) शामिल हैं। 2010 की जनगणना के अनुसार न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी तथा कनेक्टिकट के तीन राज्यों में भारतीय अमेरिकी समुदाय की बड़ी आबादी है जहां पांच लाख से अधिक भारतीय रहते हैं।

नेशनल एशियन अमेरिकन सर्वे द्वारा हाल ही में संचालित एक सर्वे में कहा गया है कि बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकी ओबामा का समर्थन करते हैं। यह सर्वेक्षण 21 सितंबर से 13 अक्तूबर के बीच 86 भारतीय अमेरिकियों पर किया गया और पाया गया कि 64 फीसदी भारतीय अमेरिकी ओबामा के और आठ फीसदी रोमनी के पक्ष में हैं जबकि 27 फीसदी ने अभी कोई फैसला नहीं किया है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, November 1, 2012, 16:39

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