Last Updated: Wednesday, February 15, 2012, 14:42
नई दिल्ली : ईरान ने यहां एक इजरायली दूतावास के वाहन पर बम हमले में अपनी भूमिका को स्वीकारने या खंडन करने से बुधवार को इनकार कर दिया, लेकिन साथ ही उस पर लगाए जा रहे आरोपों की बुनियाद पर ही प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि भारत को वास्तविक स्थिति का पता लगाने देना चाहिए।
भारत में ईरान के राजदूत मेहदी नबीजादेह ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हम (इजरायल के दूतावास की कार में सोमवार को किए गए विस्फोट को लेकर उसके द्वारा लगाए गए) आरोप को न तो स्वीकार कर रहे हैं और न ही इसका खंडन कर रहे हैं। मुझे नहीं पता कि इतने कम समय में हम कैसे मान सकते हैं कि किसने ऐसा किया। वह इजरायल के आरोप के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब दे रहे थे।
इजरायल का आरोप है कि सोमवार को उसके मिशन की कर्मचारी पर प्रधानमंत्री के आवास के समीप चुंबक वाले बम से किए गए हमले के पीछे ईरान का हाथ था। नबीजादेह ने कहा कि यह भारत में हुआ है और अगर भारतीय सुरक्षा एजेंसियां ऐसा कुछ कहती हैं तो हमें इसकी पुष्टि करानी होगी। यह झूठ है और वे (इजरायल) हमेशा इस तरह की बात करते हैं।
आरोपों पर भारत की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर नबीजादेह ने उम्मीद जताई कि नई दिल्ली मामले की तफ्तीश करने के बाद अपनी अंतिम प्रतिक्रिया देगा। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि असलियत जानने के लिए भारत मामले की जांच कराएगा। अब तक उनकी अंतिम प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हमें उम्मीद है कि उसकी प्रतिक्रिया मिलेगी।
दिल्ली में इजरायली दूतावास के वाहन पर बम हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराने से इनकार करते हुए भारत ने आज कहा कि उसके पास हमले के बारे में किसी व्यक्ति, संस्था, संगठन और देश को लेकर कोई जानकारी नहीं है। हमले में एक इजरायली राजनयिक गंभीर रूप से घायल हो गईं थीं। विदेश मंत्रालय में आधिकारिक प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि आज तक हमारे पास किसी व्यक्ति, संस्था, संगठन और देश के इस घटना में शामिल होने को लेकर कोई साक्ष्य नहीं है। उनसे पूछा गया था कि विस्फोट में ईरान की संलिप्तता साबित करने के लिए क्या कोई जानकारी है जैसा कि इजरायल की ओर से दावा किया जा रहा है और क्या इससे भारत-ईरान के संबंधों में कोई असर पड़ेगा। इस बीच आधिकारिक सूत्रों ने इजरायल के आरोपों पर अटकलें लगाने से इनकार कर दिया। इस्राइल का आरोप है कि हमले के लिए ईरान जिम्मेदार है।
सूत्रों ने कहा कि ईरान के साथ भारत के रिश्ते, चाहे ऊर्जा की बात हो या पूरे व्यापार क्षेत्र की, उसके अपने राष्ट्रीय हितों से संचालित हैं। सूत्रों ने कहा कि हमारी आर्थिक परिस्थिति में कुछ उद्देश्यपरक वास्तविकताओं को हमेशा संज्ञान में लिया जाएगा और कुछ अंतरराष्ट्रीय कदम हैं जिनका भी देश पर असर पड़ेगा। हालांकि सूत्रों ने इस ओर भी संकेत दिया कि ईरान से तेल आयात जारी रखने के लिए भारत के पास अनेक विकल्प उपलब्ध हैं। इसके अलावा अन्य देशों से इस काम के लिए साझेदारी के विकल्प हैं। अमेरिका और इजरायल समेत अनेक देशों की ओर से भारत पर ईरान के साथ अपने संबंधों को सीमित करने का काफी दबाव है,लेकिन नई दिल्ली की ओर से यह बात कही जाती रही है कि तेहरान के साथ उसके रिश्ते उसके राष्ट्रीय हितों से संचालित होंगे।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 15, 2012, 23:55