`ऑस्ट्रेलियाई भारत को यूरेनियम बेचने के खिलाफ`

`ऑस्ट्रेलियाई भारत को यूरेनियम बेचने के खिलाफ`

मेलबर्न : ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने भले ही भारत को यूरेनियम बिक्री पर लगा प्रतिबंध उलट दिया हो, लेकिन इस देश के ज्यादातर लोग अब भी नयी दिल्ली को यूरेनियम बिक्री करने के पक्ष में नहीं हैं। एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि ज्यादातर ऑस्ट्रेलियाई भारत को यूरेनियम बिक्री पर लगाया गया प्रतिबंध हटाने के लेबर पार्टी के हालिया निर्णय के खिलाफ हैं। सर्वे में 61 प्रतिशत लोगों ने इस कदम का विरोध किया है।

आठवें लोवी इंस्टीट्यूट सर्वेक्षण 2012 के मुताबिक, 60 प्रतिशत से अधिक आस्ट्रेलियाई लोगों का कहना है कि वे भारत को यूरेनियम की बिक्री के खिलाफ हैं, जबकि 39 प्रतिशत का कहना है कि वे इसके सख्त खिलाफ हैं। दिसंबर 2011 में राष्ट्रीय सम्मेलन में तेज बहस के बाद ऑस्ट्रेलिया की लेबर पार्टी ने भारत को यूरेनियम की बिक्री पर लगाया गया प्रतिबंध पलट दिया था।

राष्ट्रीय स्तर पर किए गए इस सर्वेक्षण में 1005 ऑस्ट्रेलियाई वयस्कों से बात की गई और इसके नतीजे लोवी इन्स्टीट्यूट पोल ने प्रकाशित किए हैं।

सर्वेक्षण में भारत को यूरेनियम की बिक्री, फिजी के साथ संबंध, बाली द्वीप में बम हमला, जलवायु परिवर्तन, अफगानिस्तान में युद्ध, प्रवास, अमेरिकी राष्ट्रपति पद का चुनाव, अमेरिकी सैन्य ठिकाने और मानवाधिकारों तथा लोकतंत्र के प्रति रवैये जैसे विषयों पर लोगों से बातचीत की गई। हमेशा से विवादास्पद रहे विषय ‘‘प्रवास’’ पर भी सर्वेक्षण के दौरान सवाल पूछे गए।

इसमें पाया गया है कि ऑस्ट्रेलियाई लोग कामगारों की कमी दूर करने के लिए अल्प अवधि के प्रवास की जरूरत को समझते हैं। करीब 62 फीसदी लोगों ने कहा कि वे चाहते हैं कि जब ऑस्ट्रेलिया में कामगारों की कमी हो, ऑस्ट्रेलिया में कंपनियों को पर्याप्त कुशल कामगार न मिल रहे हों, तब सरकार को चाहिए कि वह विदेशों से अतिरिक्त कामगारों को यहां आने की अनुमति दे।

बहरहाल, यह भी पाया गया कि बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश को लेकर भी गहरा विरोध है। इस सर्वेक्षण में ऑस्ट्रेलिया की छवि और पड़ोसियों के साथ संबंध के बारे में नए सवाल भी थे। ज्यादातर ऑस्ट्रेलियाइयों ने कहा कि पड़ोसियों द्वारा पसंद किया जाना महत्वपूर्ण है। 68 फीसदी ने कहा, ऑस्ट्रेलिया को क्षेत्र के देशों के लोगों द्वारा सकारात्मक प्ररिप्रेक्ष्य में देखा जाना महत्वपूर्ण है। अन्य 26 फीसदी ने कहा कि यह बात थोड़ा महत्व रखती है। इन लोगों ने क्षेत्र के देशों के साथ संवाद के सरकार के प्रयासों का भी समर्थन किया। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, June 5, 2012, 11:42

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