Last Updated: Tuesday, April 30, 2013, 17:52
मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया के एक पूर्व राजनयिक ने कहा है कि भारत को ऑस्ट्रेलियाई यूरेनियम की बिक्री में कुछ समय लगेगा क्योंकि सुरक्षा उपाय संबंधी करार एक अत्यंत जटिल मुद्दा है। बहरहाल, राकेश आहूजा ने चेतावनी दी कि यूरेनियम की बिक्री से भारत का घरेलू भंडार भी सैन्य उद्देश्यों के लिए मुक्त हो जाएगा।
वर्ष 1994 से 1999 तक नयी दिल्ली में ऑस्ट्रेलियाई उप उच्चायुक्त के पद पर रहे आहूजा ने कहा ‘मेरे विचार से, इसमें समय लगेगा क्योंकि सुरक्षा उपाय संबंधी करार एक अत्यंत जटिल मुद्दा है इसमें समय लगेगा।’ आहूजा ने भारत कनाडा करार का उदाहरण देते हुए कहा कि दोनों देशों ने वर्ष 2010 में इस पर आगे बढ़ने के लिए सहमति जताई थी और इस साल के शुरू में दोनों के बीच एक समुचित व्यवस्था करार हो पाया जिसके तहत कनाडा को बिक्री की अनुमति मिली। इस प्रकार करीब ढाई साल का समय लगा।
उन्होंने कहा कि अक्सर ऐसा होता है। उन्होंने कहा कि हम चीन को यूरेनियम बेचते हैं जिससे उनका घरेलू उपयोग सैन्य उद्देश्यों के लिए मुक्त हो गया। यही सच है। कहा जाता है कि दुनिया में यूरेनियम के सर्वाधिक भंडार ऑस्ट्रेलिया में हैं। ऑस्ट्रेलिया चीन, जापान, ताइवान और अमेरिका को पहले ही यूरेनियम का निर्यात करता है। आहूजा ने एसबीएस टीवी चैनल से कहा ‘पिछले 40 साल से यह मुद्दा ऑस्ट्रेलिया के, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ संबंधों और आर्थिक हितों में बाधक बना हुआ है।’ इन दिनों आहूजा एक्सेस इंडिया कन्सल्टेन्सी ग्रुप के प्रमुख हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 30, 2013, 17:52